Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सहज सरल छवि, निर्णय लेने की दृढ़ क्षमता तथा भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस ने जनता में जगाया भरोसा

  रायपुर दक्षिण के नतीजे ने लगाई विष्णु के सुशासन पर मुहर   रायपुर . असल बात news.  दक्षिण विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड...

Also Read

 



रायपुर दक्षिण के नतीजे ने लगाई विष्णु के सुशासन पर मुहर  

रायपुर .

असल बात news. 

दक्षिण विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत ने छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में चल रही सरकार के सुशासन पर मुहर लगाई है। चुनाव परिणाम ने साबित कर दिया है कि मतदाताओं का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। यह संभव हुआ है मुख्यमंत्री की सहज सरल छवि तथा जनहित के मुद्दों पर दृढ़ता से त्वरित निर्णय लेने की उनकी कार्यप्रणाली के कारण। एक वर्ष के कार्यकाल में साय सरकार ने न केवल पारदर्शी प्रशासनिक तंत्र का विकास किया बल्कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाते हुए अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं और नीतियों का लाभ कैसे पहुंचे इस पर पूर्ण मनोयोग से काम किया है। 

उपचुनाव के नतीजों ने सरकार के कामकाज पर मुहर लगाई है यह उप चुनाव रायपुर दक्षिण की एक सीट का चुनाव कहकर टाला नहीं जा सकता है। यह राजधानी की ऐसी सीट है जो पूरे राज्य का प्रतिनिधित्व करती है। यहां से बही हवा पूरे राज्य मेें असर करती है। इसका कारण यह है कि इस इलाके में राज्य के सभी संभागों के तथा हर वर्ग के वोटर निवासरत हैं। इसलिए रायपुर दक्षिण में दक्षिणपंथ की विजय को पूरे राज्य के जनादेश की झलक के तौर पर देखना गलत नहीं होगा। उपचुनाव में मुख्यमंत्री साय के करिश्माई व्यक्तित्व का आकर्षण वोटरों में इतना अधिक रहा कि यहां विपक्षी कांग्रेस के लिए कोई जगह ही न बची। साय ने ऐसा कोई मुद्दा ही न छोड़ा जिसे विपक्ष भुना सके। चुनाव के दौरान कांग्रेस मुद्दा विहीन हो गई। यही कारण है कि उसने मौलाना के चुंबन सरीखे एडिटेड वीडियो बनाकर चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया और अपनी जग हंसाई करवाई। भाजपा के पास विष्णु देव साय के रूप में एक शानदार और बेदाग चेहरा था जबकि भूपेश बघेल की वादा खिलाफी वाली छवि ने कांग्रेस की संभावनाओं को पहले ही खत्म कर दिया था। साय के नेतृत्व में भाजपा एक होकर चुनाव लड़ी वहीं कांग्रेस पूरी तरह बिखरी रही। 


एक और गौर करने वाली बात यह है रायपुर नगर निगम के कांग्रेसी महापौर का वार्ड भी इसी विधानसभा क्षेत्र में है। महापौर के वार्ड से भी भाजपा को लीड मिली है। इससे यह भी प्रमाणित हो गया कि महापौर अपने वार्ड के पार्षद का चुनाव भी नहीं जीत सकते हैं। कांग्रेस के परंपरागत वोटर भी इस बार भाजपा की विजय देखना चाहते थे। प्रचार के दौरान ही यह स्पष्ट हो गया था कि कांग्रेस के वोटर भी चाहते थे कि विष्णु के सुशासन के साथ मिलकर वे अपने क्षेत्र को विकास की डगर पर लेकर चलें। प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री के रोड शो को जो शानदार प्रतिसाद मिला था उससे नतीजों का अनुमान तो पहले ही लग गया था। कांग्रेस तो इतना डरी हुई थी कि अपने महापौर को चुनाव प्रचार तक नहीं करने दिया। इससे आने वाले निगम चुनाव के परिणामों का भी अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है।


भाजपा की एकतरफा विजय के कारणों का विश्लेषण करें तो कई कारण स्पष्ट रूप से दिखते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए वादों से बढ़कर राज्य सरकार ने जनहित के जो काम किए उनका प्रतिफल इस जीत में दिखा। महतारी वंदन योजना के तहत राज्य की 70 लाख से अधिक महिलाओं के खाते में प्रतिमाह 1000 रुपये का अंतरण, किसानों को धान का बोनस और 3100 के दाम पर रिकार्ड धान खरीदी, युवाओें के लिए सरकारी नौकरियों के अवसर, भर्ती की आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट, 18 लाख से अधिक प्रधानमंत्री आवासों को स्वीकृति, पीएससी की परीक्षाओं में पारदर्शिता, भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति, गरीबों को मुफ्त राशन तथा शहरी बुनियादी सुविधाओं का विकास जैसे तमाम कामों ने चुनाव परिणामों को प्रभावित किया है। विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य में तेजी से अधोसंरचना विकास का काम चल रहा है। सड़कें, पानी, बिजली, स्कूल, अस्पताल का कायाकल्प हो रहा है। नक्सल समस्या से सख्ती से निपटने की कारगर रणनीति अपनाई गई है। शहरों में कानून व्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है। यही कारण है कि जनता का सरकार पर भरोसा बढ़ा है और परिणाम सामने है।