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महिला प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित परिचर्चा में विद्यार्थियों ने वीरांगना अहिल्याबाई होल्कर को वीरता और साहस की प्रतिमूर्ति कहा

भिलाई. असल बात news.   स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको भिलाई में महिला प्रकोष्ठ द्वारा वीरांगना अहिल्याबाई होल्कर की त्रि श...

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भिलाई.

असल बात news.  

स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको भिलाई में महिला प्रकोष्ठ द्वारा वीरांगना अहिल्याबाई होल्कर की त्रि शताब्दी जयंती के अवसर पर “वीरांगना अहिल्याबाई होल्कर महिला सशक्तिकरण की प्रतीक” विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम प्रभारी डॉ. मीना मिश्रा विभागाध्यक्ष गणित ने बताया “वीरांगना अहिल्याबाई होल्कर” कुशल प्रशासक राजनैतिक व अपने सुधार कार्यो व न्यायप्रियता के लिए प्रसिद्ध है। यह वर्ष उनकी 300वीं जयंती के रूप में मनाया जा रहा है वह महिला सशक्तिकरण की प्रतीक है। विद्यार्थियों को उनके योगदान व कार्यो से परिचित कराने के उद्देश्य से कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

पीयुष चतुर्वेदी एमएससी रसायनशास्त्र ने अपने विचार रखते हुए कहा वीरांगना अहिल्याबाई होल्कर के जीवन से हमें यही सीख मिलती है “शांति के लिए शक्ति” का होना आवश्यक है वे कुशल प्रशासक कुटनीतिज्ञ होने के साथ-साथ उन्होंने अनेक मंदिरों का निर्माण कराया व जीर्णोद्धार कराया। गुनगुन ठाकुर बीसीए प्रथम सेमेस्टर ने बताया उन्होंने रूढ़िवादिता को तोड़ते हुए अपनी पहचान बनाई व मालवा के शासन की बागडोर थामी उन्होंने महिलाओं की सेना बनाई न्याय प्रियता के लिये प्रसिद्ध महारानी अपने पुत्र को ही सजा देने से पीछे नहीं हटी। उनका मूल मंत्र था – “बेटी सीखेगी कल का भविष्य लिखेगी”।

अमन दत्ता बीसीए प्रथम वर्ष ने उनके जीवन, उनके व्यक्तित्व व उल्लेखनीय कार्यो पर प्रकाश डाला। तृप्ती साहू बीकॉम प्रथम वर्ष सेमेस्टर ने उनके किये गये कार्यो व प्रशासनिक सुधारों की चर्चा की व उनके सामाजिक कार्यो का उल्लेख किया। निकिता वर्मा बीएससी प्रथम सेमेस्टर ने बताया उन्होने चालीस वर्षो तक शासन किया व मालवा की रानी व राजमाता के रूप में प्रसिद्ध रही। मेरे देश की एक भी जनता भूखी नहीं रहेगी यही उनका मूलमंत्र था। सौम्या सोनकर बीएससी प्रथम सेमेस्टर ने उनकी धर्म व कर्तव्य परायणता व मंदिरो के जीर्णोद्धार व नवनिर्माण की जानकारी दी। भूमिका जैन ने महारानी अहिल्याबाई होल्कर को वीरता और साहस की प्रतिमूर्ति और वीरता व महिला सशक्तिकरण का आदर्श बताया।

महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा व प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने वीरांगना अहिल्याबाई होल्कर की त्रि  शताब्दीजयंती के अवसर पर कार्यक्रम आयोजन के लिए महिला सेल को बधाई दी व कहा वे आज की महिलाओं के लिये प्रेरणा की प्रतीक है। जब महिलाओं को शिक्षा का अधिकार नहीं था उस समय होल्कर साम्राज्य की नींव डालना उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है। विजयी प्रतिभागियों के नाम है- प्रथम पीयुष चतुर्वेदी एमएससी रसायनशास्त्र प्रथम सेमेस्टर, द्वितीय गुनगुन ठाकुर बीसीए प्रथम सेमेस्टर, तृतीय भूमिका जैन बीकॉम प्रथम सेमेस्टर।

निर्णायक के रूप में डॉ. सुनीता वर्मा विभागाध्यक्ष हिंदी,  स.प्रा. संयुक्ता पाढ़ी विभागाध्यक्ष अंग्रेजी उपस्थित हुई। कार्यक्रम को सफल बनाने में स.प्रा. एन बबीता विभागाध्यक्ष भौतिकशास्त्र, स.प्रा. कामिनी वर्मा गणित, स.प्रा. हितेश सोनवानी अंग्रेजी, स.प्रा. मधुपटवा गणित उपस्थित हुई। कार्यक्रम में मंच संचालन व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मीना मिश्रा विभागाध्यक्ष गणित ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक व विद्यार्थी उपस्थित हुये।