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शादी का प्रलोभन देकर बार-बार अनाचार करने के आरोपी को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा

  दुर्ग . असल बात न्यूज़.    शादी का प्रलोभन देकर बार-बार अनाचार करने के आरोपी को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है.यह प्रकरण आरक्ष...

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 दुर्ग .

असल बात न्यूज़.   

शादी का प्रलोभन देकर बार-बार अनाचार करने के आरोपी को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है.यह प्रकरण आरक्षी केंद्र पद्मनाभपुर के अंतर्गत का है.प्रकरण में अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ एफटीएससी विशेष न्यायालय दुर्ग श्रीमती संगीता नवीन तिवारी के न्यायालय ने यह सजा सुनाई है. प्रकरण में 25 मार्च 2023 को प्रथम रिपोर्ट दर्ज कराई गई और प्रकरण के संस्थित होने के सिर्फ एक साल के भीतर न्यायालय ने इसमें निर्णय सुना दिया है. आरोपी की उम्र लगभग 23 वर्ष है और वह गिरफ्तारी के बाद से लगातार न्यायिक हिरासत में निरुद्ध है. 

अभियोजन पक्ष के अनुसार मामले का तथ्य इस प्रकार है कि पीड़िता की माता ने प्रकरण में रिपोर्ट दर्ज कराई. प्रकरण में स्वीकृत तथ्य है कि अभियुक्त,अभियोकत्री की बुआ के गांव धमधा का निवासी है और वह उसकी बुआ के यहां आता जाता था.यहीं,पीडिता आती जाती थी,तब उसका उससे परिचय हो गया.परिचय हो जाने पर आरोपी उसे अपने साथ इधर-उधर घूमाने ले आने लगा. और फिर शादी करने का प्रलोभन देकर उसके साथ बार-बार ब्लॉतसंग किया.इससे पीडिता गर्भवती भी हो गई. पीड़िता के द्वारा इसकी जानकारी आरोपी को देने पर आरोपी ने उससे कहा कि इसके बारे में किसी भी जानकारी मत देना.

प्रकरण में न्यायालय के समक्ष बचाव पक्ष की ओर से पीड़िता की जन्म तिथि को प्रतिपरीक्षण में कोई चुनौती नहीं दी गई. यद्यपि प्रतिपरीक्षण में अभियोकत्री की माता ने बताया कि अभियोकत्री का जन्म प्रमाण पत्र जिला अस्पताल दुर्ग में बना है जबकि अभियोकत्री का जन्म जवाहरलाल नेहरू अनुसंधान केंद्र सेक्टर 9 में हुआ था. उसका जो जन्म प्रमाण पत्र सेक्टर 9 अस्पताल से प्राप्त हुआ था उसे पुलिस ने जप्त नहीं किया.

 न्यायालय ने आरोपी के खिलाफ आरोपों को सिद्ध पाया और उसे लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के अपराध में दंडित किया जाना न्यायोचित माना. अभियुक्त को उसके अपराध के लिए 20 साल के सश्रम का कारावास की सजा सुनाई गई है. 


प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की.