दुर्ग,असल बात दुर्ग। विधायक गजेंद्र यादव ने प्रदेशवासियों को भगवान बिरसा मुण्डा जयंती व जनजाति गौरव दिवस, गुरु नानकदेव जयंती, और कार्तिक पू...
दुर्ग,असल बात
दुर्ग। विधायक गजेंद्र यादव ने प्रदेशवासियों को भगवान बिरसा मुण्डा जयंती व जनजाति गौरव दिवस, गुरु नानकदेव जयंती, और कार्तिक पूर्णिमा की शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज के गौरवशाली अतीत हम सभी के प्रेरणा है, इनके अनुसरण कर हम समाजिक एवं आध्यात्मिक व्यवस्थाओं के परिप्रेक्ष्य में बहुत कुछ सीखते है। भगवान बिरसा मुण्डा जी की जयंती प्रदेश के जनजातीय समाज को गौरवशाली अतीत और विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है।
बेमेतरा में जिलास्तरीय जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुँचे विधायक गजेन्द्र यादव ने भगवान बिरसा मुंडा के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर आदिवासी समाज के शौर्य, संस्कृति, विरासत, राष्ट्र निर्माण में उनकी सशक्त भागीदारी पर उपस्थितजन को सम्बोधित किया। इनके उत्थान हेतु शासन के विभिन्न विभाग द्वारा जनजाति समाज हितग्राहियो को पीएम आवास, राशनकार्ड, आयुष्मान, जाति प्रमाण पत्र प्रदान कर लाभान्वित किया गया। इस दौरान बेमेतरा विधायक दीपेश साहू, साजा विधायक ईश्वर साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष सुनीता हीरालाल साहू, नगर पालिका अध्यक्ष शकुंतला साहू, जिला भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश जोशी उपस्थित रहे।
*भाजपा ने बढ़ाया जनजातियों का मान* -
विधायक गजेन्द्र यादव ने कहा जनजातियों ने देश की आजादी में भूमिका निभाई। आदिवासी को सम्मान दिया तो भाजपा ने। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आदिवासीयों का उत्थान हो रहा है। देश की राष्ट्रपति, जनजाति से है। भाजपा ने जनजातियों के गौरव को बढ़ाया है। प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में आदिवासी क्षेत्र में उत्थान हेतु शिक्षा, खेल को बढ़ावा देने तथा कला संस्कृति को संरक्षित रखने कई योजना प्रदेश में संचालित किये जा रहे है।
प्रकाश पर्व की शुभकामनायें -
विधायक गजेन्द्र यादव ने प्रकाश पर्व की बधाई देते हुए कहा कि गुरु नानक देव जी ने हमें कड़ी मेहनत और आध्यात्मिकता का मार्ग दिखाया है और हमें सत्य, संतोष, दया और प्रेम पर आधारित समाज का निर्माण करना सिखाया है। गुरु नानकदेव जी ने हमें सिखाया कि ईश्वरीय प्रकाश सभी में रहता है। उन्होंने कार्तिक पूर्णिमा व देव दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए , और कहा कि यह पर्व हमें 'तमसो मा ज्योतिर्गमय' के शाश्वत संदेश के साथ ही अपनी सनातन संस्कृति से जोड़ता है और हमारी गहरी आध्यात्मिक चेतना से अनुप्राणित सामाजिक सद्भाव व समरसता के भाव को पुष्ट करता है