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जल उत्सव : आंकाक्षी विकासखंड बोडला में शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम का किया गया आयोजन, क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों के विज्ञान शिक्षकों को जल गुणवत्ता परीक्षण की विधियां सिखाई गईं, शिक्षकों को फील्ड टेस्टिंग किट का उपयोग करके जल गुणवत्ता परीक्षण के बारे में प्रशिक्षित किया गया

कवर्धा,असल बात कवर्धा , कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा के निर्देश पर कबीरधाम जिले के आंकाक्षी विकासखंड बोडला में जल उत्सव अभियान के अंतर्गत एक विश...

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कवर्धा,असल बात




कवर्धा , कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा के निर्देश पर कबीरधाम जिले के आंकाक्षी विकासखंड बोडला में जल उत्सव अभियान के अंतर्गत एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों के विज्ञान शिक्षकों को जल गुणवत्ता परीक्षण की विधियां सिखाई गईं। इस पहल का उद्देश्य यह था कि शिक्षक जल गुणवत्ता परीक्षण का प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने विद्यालय के छात्र-छात्राओं को भी इन प्रक्रियाओं में निपुण बना सकें, ताकि जल संरक्षण और स्वच्छता के प्रति नई पीढ़ी को जागरूक किया जा सके।

कार्यक्रम का आयोजन आंकाक्षी विकासखंड बोडला में स्थित जल परीक्षण प्रयोगशाला में किया गया, जहां ग्राम पंचायत बहनाखोदरा, चिल्फी, बैरख, आंशिक विकासखंड बोडला, नेऊरगांवकला, पोड़ी, खड़ौदाखुर्द, राम्हेपुरकला, खरहट्टा, खण्डसरा, मड़मड़ा, सिंधारी, तरेगांवजंगल, लरबक्की, दलदली, घोंघा एवं राजानवागांव हाई स्कूल के विज्ञान शिक्षकों को आमंत्रित किया गया। इन स्कूलों से प्रत्येक विद्यालय से 1-2 शिक्षक प्रतिनिधि के रूप में इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

शिक्षकों को फील्ड टेस्टिंग किट का उपयोग करके जल गुणवत्ता परीक्षण के बारे में प्रशिक्षित किया गया। उन्हें बताया गया कि फील्ड टेस्टिंग किट का सही उपयोग कैसे किया जाए ताकि जल स्रोतों के पानी की शुद्धता को समय-समय पर जांचा जा सके। जल के विभिन्न गुणों जैसे पीएच स्तर, क्षारीयता, कठोरता आदि का परीक्षण किस प्रकार से किया जाए, इसका अभ्यास भी शिक्षकों को कराया गया। इस ज्ञान का उपयोग वे अपने विद्यालय के विद्यार्थियों के बीच जल परीक्षण की जागरूकता बढ़ाने के लिए करेंगे, ताकि छात्र-छात्राएं अपने आसपास के जल स्रोतों की गुणवत्ता की जानकारी रख सकें। इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम में पानी की स्वच्छता बनाए रखने के लिए हाथ धोने की प्रक्रिया को भी सिखाया गया, जिससे बच्चों में स्वच्छता की आदत विकसित की जा सके। हाथ धोने के इस अभ्यास के माध्यम से जल जनित बीमारियों से बचाव के उपायों पर भी जोर दिया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम शिक्षा जगत और समाज के लिए एक नई दिशा का प्रतीक है। इन शिक्षकों ने न केवल जल की गुणवत्ता की जांच के तकनीकी पहलुओं को समझा, बल्कि जल के प्रति जिम्मेदारी का एक नया दृष्टिकोण भी अपनाया। अब ये शिक्षक अपने-अपने विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को जल गुणवत्ता परीक्षण और स्वच्छता के महत्व से अवगत कराएंगे, जिससे जल की सुरक्षा और स्वच्छता को लेकर एक नई जागरूकता का प्रसार हो सकेगा।जल उत्सव अभियान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें न केवल शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया बल्कि समाज में जल संरक्षण और गुणवत्ता के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास भी किया गया

असल बात