Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


स्वदेशी 'कवच' प्रणाली की स्थापना से भारतीय रेलवे ने संरक्षा और संकेत प्रणाली में उठाया बड़ा कदम

  रायपुर. असल बात news.   भारतीय रेलवे ने संरक्षा और अपने यात्रियों की सेवा में सुधार के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं । इसी कड़ी मे...

Also Read

 


रायपुर.

असल बात news.  

भारतीय रेलवे ने संरक्षा और अपने यात्रियों की सेवा में सुधार के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं । इसी कड़ी में रेलवे की अत्याधुनिक 'कवच' प्रणाली, जो एक स्वदेशी और बहु-विक्रेता इंटरऑपरेबल सुरक्षा प्रणाली है, का विकास और विस्तार किया जा रहा है ।

*विकासक्रम:

वर्ष 2012 में, ककोदकर समिति ने भारतीय रेलवे के लिए डिजिटल रेडियो आधारित सिग्नलिंग और सुरक्षा प्रणाली के उपयोग की सिफारिश की थी ।

वर्ष 2014-15 में दक्षिण मध्य रेलवे के 250 किलोमीटर खंड पर इस प्रणाली की स्थापना की गई ।

वर्ष 2020 में ‘कवच’ को राष्ट्रीय स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन) प्रणाली के रूप में घोषित किया गया ।

वर्ष 2024 में, कवच 4.0 संस्करण के परीक्षण के बाद इसे कोटा और सवाई माधोपुर खंड (108 किलोमीटर) के बीच सफलतापूर्वक स्थापित किया गया ।

इस प्रणाली की विशेषताएं इसे भारतीय रेलवे की विविध यातायात चुनौतियों को प्रभावी ढंग से संभालने में सक्षम बनाती हैं । यह प्रणाली विभिन्न प्रकार के ट्रैफिक, स्पीड अंतर, और विभिन्न प्रकार की लोकों और कोचिंग तथा वैगन स्टॉक्स के अनुरूप काम करती है ।

*भविष्य की योजनाएं:

कवच प्रणाली के लिए 36,000 किलोमीटर ट्रैक पर कार्य स्वीकृत हो चुका है ।

कुल 14,735 किलोमीटर की कवच प्रणाली के लिए निविदाएं आमंत्रित की जा चुकी हैं, और शेष निविदाएं अगले कुछ महीनों में खोली जाएंगी ।

रेलवे की इस पहल का लक्ष्य 2030 तक सभी मोटिव पावर यूनिट्स और ट्रैक को कवच प्रणाली के अंतर्गत लाना है ।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के नागपुर-झारसुगुड़ा सेक्शन को कवच परियोजना के लिए चिन्हित किया गया है, जिसके लिए टेंडर फ्लोटिंग प्रक्रिया चल रही है । टेंडर प्रक्रिया उपरांत नागपुर-रायपुर-बिलासपुर-झारसुगुड़ा सेक्शन में कवच सुरक्षा तकनीक स्थापित करने का कार्य शुरू किया जाएगा.