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छोटे से गांव में कबड्डी प्रतियोगिता का बड़ा आयोजन, अकोला गांव में राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता,"उठा लो- उठा लो" छोड़ना नहीं,की गूंज के बीच रोमांचपूर्ण कबड्डी प्रतियोगिता, खिलाड़ियों का दिखा जबरदस्त दमखम

खिलाड़ी, कभी हार जीत की परवाह नहीं करता- सांसद विजय बघेल दुर्ग,अहिवारा. असल बात news.   परंपरागत खेल कबड्डी खेल को, पूरे देश में अब  नई पहचा...

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खिलाड़ी, कभी हार जीत की परवाह नहीं करता- सांसद विजय बघेल

दुर्ग,अहिवारा.

असल बात news.  

परंपरागत खेल कबड्डी खेल को,पूरे देश में अब नई पहचान मिल रही है और इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है.छत्तीसगढ़ में भी युवा खिलाड़ी इस खेल को पसंद कर रहे हैं और इसमें अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.यहां अब कबड्डी की प्रतियोगिताओ का आयोजन होता है तो उसमें कबड्डी खिलाड़ी बढ़-चढ़कर उत्साहपूर्वक हिस्सा लेते हैं.आनंद धाम अकोला में राज्यस्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तो इसमें खिलाड़ियों का जोश और उत्साह साथ देखते ही बनता था. प्रतियोगिता तो अब खत्म हो गई है और जीत हार का फैसला हो गया है उठा लो...उठा लो... जाने मत देना...छोड़ना नहीं....की गूंज अब भी सुनाई देती महसूस होती है.. इस कार्यक्रम में दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के सांसद विजय बघेल,जिन्होंने स्वयं कबड्डी खिलाड़ी के तौर पर इसकी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओ में हिस्सा लिया है और अपने प्रदेश की टीम को पुरस्कार भी दिलाया है विजय बघेल भी शामिल हुए और उन्होंने खिलाड़ियों को उत्साहवर्धन किया.

इस दो दिवसीय प्रतियोगिता में प्रदेश भर की कई कबड्डी टीमों ने हिस्सा लिया.आनंद धाम अकोला कुम्हारी में पिछले कई वर्षों से लगातार कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है. पहले यहां रेत के मैदान पर प्रतियोगिताएं होती थी.अब उसकी जगह मैदान पर नेट बिछा दी गई है दिस इस अब खिलाड़ियों के घुटने- हाथ छिलने की समस्या काफ़ी कुछ खत्म हो गई है.इस प्रतियोगिता में जिस तरह से ग्रामीण खेल प्रेमियों के भीड़ जुट रही थी और अपनी पसंद की टीमों का जोरशोर से नारेबाजी करते हुए,चिल्लाते हुए उत्साहवर्धन किया जा रहा था, उसे उम्मीद की जा सकती है कि गांव गांव में खेले जाने वाले हमारे परंपरागत खेल,कबड्डी खेल के दिन अब फिर से बहुर रहे हैं. एक टीम का खिलाड़ी जब दूसरे पक्ष की ओर रेड करने निकलता तो उसके समर्थक दर्शकों  के द्वारा उसके पक्ष में जिस तरह से चिल्ला -चिल्ला कर उसका उत्साहवर्धन किया जाता तो उससे पूरे मैदान पर मैं जोश का वातावरण बनता दिखता.और जब रेड करने वाला खिलाड़ी किसी को आउट कर देता है तब तो जमकर तालियां और सीटीयां बजा कर उसका गर्मजोशी से उत्साहवर्धन किया जाता. और यहां तो प्रतियोगी टीमों के बीच हर मैच, घमासान मैच नजर आ रहा था.हर मैच में जीत-हार के लिए जबरदस्त टक्कर दिख रही थी. प्रतियोगिता के प्रत्येक मैच में खिलाड़ियों में जमकर दमखम नजर आया और ऐसा लग रहा था कि कोई भी मैच हारना नहीं जाता है. कभी कोई टीम अधिक अंक हासिल कर आगे बढ़ जाती.तो कभी विरोधी टीम और बेहतर प्रदर्शन कर उसे पीछे छोड़ देती. इस दौरान खिलाड़ियों में खेल का जबरदस्त जज्बा देखने को मिला. यह खेल प्रेमियों को और अत्यधिक उत्साहित कर रहा था.

प्रतियोगिता में उपस्थित सांसद विजय बघेल ने खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों को संबोधित करते हुए कहा कि खिलाड़ी कभी हताश नहीं होता, कभी निराश नहीं होता,कभी हार नहीं मानता,खेल भावना,मैच में हार जाने पर जीत के लिए नई प्रेरणा देती है. सच्चा खिलाड़ी वही है जो बड़ी से बड़ी तकलीफ,बड़ा से बड़ा दर्द सहकर, आगे जीत का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए पूरे उत्साह से,नए उमंग से और अधिक मेहनत करता है. इस दौरान उन्होंने अपने खेल जीवन के बारे में भी बताया और बताया कि उस समय कबड्डी खेल कितना अधिक पसंद किया था और उनके गांव तथा मध्य प्रदेश की टीम ने किस तरह से पूरे देश में बेहतर प्रदर्शन किया और कई पुरस्कार जीते.

 एकलव्य क्रीड़ा मंडल के तत्वावधान  में आयोजित इस प्रतियोगिता में इस अवसर पर मंच पर सर्वश्री रामाधार शर्मा रामधंकर अवधेश शुक्ला भी उपस्थित थे.पूरे आयोजन में सर्वश्री मनीराम साहू,पूनम साहू,कोमल यादव, खिलावन साहू,बबलू साहू,उधो निषाद, सीताराम साहू,सीताराम यादव,मधु निषाद,जीवन साहू,डिगेश साहू परमानंद निषाद,गौतम साहू,कुलेश्वर साहू,नवीन साहू,सौरभ निषाद,कीर्तन निषाद इत्यादि की उल्लेखनीय भगीदारी रही.

इस अवसर पर प्रतियोगिता आयोजन समिति के द्वारा कबड्डी के खेल को आगे प्रोत्साहित करने के लिए गांव में खेल मैदान तथा खेल भवन उपलब्ध कराने की मांग की गई जिस पर सांसद श्री विजय बघेल ने गांव में खेल सुविधा के विस्तार मिलकर प्रयास करने की बात कही है.