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स्वरूपानंद महाविद्यालय में विश्व मधुमेह दिवस पर चर्चा

  भिलाई. असल बात news.   विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको के माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा एक ज...

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भिलाई.

असल बात news.  

विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको के माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दिन को सर फ्रेडरिक बैंटिंग के सम्मान में मनाया जाता है, जिन्होंने 1921 में चार्ल्स बेस्ट के साथ मिलकर इंसुलिन की खोज की थी। उनके इस महान योगदान ने मधुमेह रोगियों के जीवन को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

इस वर्ष विश्व मधुमेह दिवस की थीम “बाधाएं तोड़ना, अंतर को पाटना” है, जिसका उद्देश्य समाज में मधुमेह के प्रति जागरूकता बढ़ाना और सभी वर्गों में स्वास्थ्य सेवाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करना है। 

इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्रमुखों ने भाग लिया और अपने विचार साझा किए। डॉ. शमा ए. बेग, माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रमुख, ने मधुमेह के प्रकार, लक्षणों और नियमित जांच के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह के लक्षणों की पहचान और समय पर उपचार अत्यंत आवश्यक है।  

डॉ. सवित्री शर्मा, आर्ट्स विभाग की प्रमुख, ने सामाजिक और आर्थिक बाधाओं पर बात की, जो मधुमेह रोगियों के इलाज में रुकावट बनती हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष की थीम इन बाधाओं को दूर करने के उपायों पर केंद्रित है ताकि सभी को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके। 

डॉ. नीना बागची, बॉटनी विभाग की प्रमुख, ने खानपान और जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से मधुमेह रोकथाम पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से टाइप 2 मधुमेह को रोका जा सकता है।

डॉ. रजनी मुदलियार, केमिस्ट्री विभाग की प्रमुख, ने डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं के समावेश के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीकी साधनों का उपयोग करके हम स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुलभ और सस्ती बना सकते हैं।

मिस मोहिनी शर्मा, सहायक प्रोफेसर केमिस्ट्री, ने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि शारीरिक गतिविधियों के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना मधुमेह नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण है। 

इस अवसर पर माइक्रोबायोलॉजी विभाग की एम.एससी तृतीय सेमेस्टर की छात्रा मिस खुशी चौधरी ने मधुमेह के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने और इसके निवारण के सामूहिक प्रयासों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। 

इस चर्चा के मुख्य बिंदु थे:

- **मधुमेह के लक्षण और इसके प्रकार:** टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह के लक्षणों की पहचान और निदान पर चर्चा।

- **रोकथाम के उपाय:** संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली के माध्यम से मधुमेह की रोकथाम।

- **नियमित जाँच का महत्व:** समय पर निदान और नियमित चिकित्सा जांच की भूमिका।

- **सामूहिक जागरूकता अभियान:** समाज में मधुमेह के प्रति जागरूकता बढ़ाने के सामूहिक , प्रयास।

 मुख्य कार्यकारीअधिकारी डॉ. दीपक शर्मा, डॉ मोनिषा शर्मा, प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला तथा प्रबंधन ने कार्यक्रम की सराहना की और इसे समाज के लिए लाभकारी बताया।

 कार्यक्रम का संचालन मिस योगिता लोखंडे और मिस समीक्षा मिश्रा सहायक प्रोफेसर माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने किया। 

चर्चा के अंत में माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा बाल दिवस के अवसर पर बच्चों में चॉकलेट्स का वितरण किया गया और इस दौरान यह मिथक भी तोड़ा गया कि मिठा का सेवन ही ब्लड शुगर बढ़ाने का कारण होता है। इस संदेश के माध्यम से स्वस्थ खानपान के महत्व पर जोर दिया गया।

कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के समस्त विद्यार्थियों और समाज के सभी लोगों को मधुमेह के प्रति जागरूक रहकर स्वास्थ्य का ख्याल रखने का आह्वान किया गया।