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तिथि बढ़ने से कल्याण समिति की सिफारिशो के अनुसार आरक्षण होने की संभावना.

    छत्तीसगढ़ . असल बात न्यूज़.     नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के संचालनालय ने आज एक आदेश जारी कर राज्य में नगर निगमों के  महापौर  और नगर...

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 छत्तीसगढ़ .

असल बात न्यूज़.    

नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के संचालनालय ने आज एक आदेश जारी कर राज्य में नगर निगमों के  महापौर  और नगर पालिका व नगर पंचायत के अध्यक्षों के आरक्षण की निर्धारित तिथि में वृद्धि कर दी है. अब यहां आरक्षण आगामी 7 जनवरी को किया जाएगा. पहले यह तिथि 27 दिसंबर निर्धारित थी. ताजा समीकरणों को देखते हुए इसकी अटकलें लगाई जा रही थी कि आरक्षण की तिथि में बढ़ोतरी हो सकती है. कहा जा रहा है कि आरक्षण की तिथि में बढ़ोतरी हो जाने से इस आरक्षण में कल्याण समिति की सिफारिशो को लागू किया जा सकता है.

नगरीय निकायों के चुनाव की सुगबुगाहटअब काफी तेज होती जा रही है. यह चुनाव कब होगा इसको लेकर लगातार अटकलें लगाई जा रही है?. पिछले दिनों राज्य सरकार ने विधानसभा में नगर निगम संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया तब, इस चुनाव को लेकर और कई तरह की चर्चा शुरू हो गई. ऐसी भी अटकले लगनी शुरू हो गई कि राज्य सरकार फिलहाल स्थानीय निकाय के चुनाव को देरी से करना चाहती है. अब ताजा परिस्थितियों में लग रहा है कि इस चुनाव में जरूर कुछ देरी होने जा रही है. नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों की कार्यकारिणी का कार्यकाल शीघ्र ही पूरा होने जा रहा है. इसके चुनाव में देरी की संभावना इसलिए बन रही है क्योंकि अभी इनके महापौर और अध्यक्षों का आरक्षण तक नहीं हो सका है. ऐसे में कार्यकारिणी  का कार्यकाल पूरा हो जाता है तो वहां प्रशासकीय अधिकारी नियुक्त कर दिए जाने की संभावना है. जब आरक्षण देरी से हो रहा है तो,इससे आरक्षण में कल्याण समिति की सिफारिशो को लागू करने का अवसर मिल सकता है.

राज्य सरकार ने नगर पालिका संशोधन विधेयक विधानसभा में पारित कर लिया है.अब इसे राज्यबाल महोदय की स्वीकृति मिल जाएगी तो यह कानून बन जाएगा. यह राज्य सरकार का  महत्वाकांक्षी विधेयक है अभी यह कंफर्म जानकारी नहीं है इसे राज्यपाल के अनुशंसा मिल गई है अथवा नहीं. और हो सकता है कि आरक्षण तिथि के पहले इसको राज्यपाल महोदय की अनुशंसा प्राप्त हो जाए.

इसके बाद राज्य में स्थानीय निकाय के चुनाव में कल्याण समिति की रिपोर्ट के अनुसार आरक्षण लागू करने का अवसर मिल जाएगा.यह कानून बन जाता है तो  अन्य पिछड़ा वर्ग को 50% तक आरक्षण मिल जाने की संभावना है.. ऐसे में कई स्थानीय निकायों में पिछड़ा वर्ग का महापौर और अध्यक्ष देखने को मिल सकता है

       इधर ज्यादातर नगरीय निकायों में वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल कुछ दिनों के भीतर पूरा होने जा रहा है. यह कार्यकाल पूरा होने के बाद स्थानीय निकायों में प्रशासकीय अधिकारी नियुक्त कर दिया जाएगा. और बहुत कुछ संभावना है कि इसके बाद ही चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी.