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स्वरूपानंद महाविद्यालय में अनुसन्धान विधियां, उपकरण निर्माण एवं एसपीएसएस द्वारा आंकड़ों का विश्लेषण हेतु अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला

  भिलाई. असल बात news. स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको तथा हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में अनुसंधान एवं श...

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भिलाई.

असल बात news.

स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको तथा हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में अनुसंधान एवं शोध विषय पर उपकरण निर्माण तथा आँकड़े विश्लेषण पर सात दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। सात दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि श्री भूपेन्द्र कुलदीप, रजिस्ट्रार हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग थे, उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता डॉ. शशिकांत तराई सह.प्रा. सांख्यिकी विभाग एनआईटी रायपुर, महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा, प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला, उपप्राचार्य डॉ. अजरा हुसैन उपस्थित थे। 

कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन से किया गया। कार्यशाला की संयोजिका डॉ. शैलजा पवार प्राध्यापक शिक्षा विभाग ने कहा कि पीएचडी शोधार्थियों एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को शोध के विभिन्न चरणों में शोधार्थी को अपने शोध संचालन, उपकरण निर्माण, प्रमापीकरण, आँकड़ों की गणना एवं विश्लेषण की सही प्रस्तुती से परिचित कराना कार्यशाला का प्रमुख उद्देश्य है, शोधार्थी को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मार्गदर्शन एवं मूल्यवान प्रतिक्रिया प्राप्त करने का उत्कृष्ट अवसर प्रदान करना है। शोध के प्रस्तुतीकरण एवं सही विश्लेषण कर समाज में शिक्षा एवं शोध के क्षेत्र में नई दिशा प्रदान करने में तथा शोध की त्रुटियों को दूर करने में सहायता प्रदान करना है। वर्तमान समय की विकट समस्या शोधार्थी द्वारा समय एवं ज्ञान के अभाव में कट, कॉपी, पेस्ट की धारणा को बदलना जिससे शोध परिणाम शुद्ध एवं वास्तविक प्राप्त हो। 

मुख्य अतिथि श्री भूपेन्द्र कुलदीप, रजिस्ट्रार ने अपने आतिथ्य उद्बोधन में कहा कि शोध संख्यात्मक वृद्धि के लिये नही अपितु गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए तथा शोध का विषय एवं निष्कर्ष समाजोपयोगी हो तभी कार्यशाला का उद्देश्य सार्थक होगा। कार्यशाला में शोध के विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञ, वक्ता के रूप में उपस्थित है। महाविद्यालय इनके व्यक्तव्य को सोशल मीडिया के माध्यम से अपने वेबसाइट में डाले जिससे जो प्राध्यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी इस कार्यशाला में उपस्थित नहीं हो पायें है वह भी लाभान्वित हो सके। 

महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने कहा अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला शोध, समाज, देश के विकास हेतु बहुत ही सराहनीय पहल है।

महाविद्यालय की प्राचार्य एवं शोध प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ. हंसा शुक्ला ने कार्यशाला की सफलता की अग्रिम शुभकामनायें देते हुए कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला शोधार्थियों का मार्गदर्शन करेगी साथ ही समाज के कल्याण हेतु शोध करने के लिये दिशा निर्देश प्रदान करेगीं तथा शोध परिणामों को समाजोपयोगी बनाने में सहायक होगी। 

उपप्राचार्य डॉ. अजरा हुसैन ने शोधार्थियों को संदेश देते हुए बताया कार्यशाला बहुत ही महत्वपूर्ण है इसके माध्यम से आप शोध एवं सांख्यिकी विश्लेषण में निपुण तो होंगे ही साथ ही समाज को शोध के क्षेत्र में नवीन दिशा की ओर अग्रसर करने में भी सहयोग प्रदान करेंगें।

मुख्य वक्ता डॉ. शशिकांत तराई सह.प्रा. सांख्यिकी विभाग एनआईटी रायपुर ने बहुत ही सूक्ष्मता एवं सरलता से शोध लेखन, शोध प्रकाशन के तथ्यों को सिखाया साथ ही उपयुक्त शोध पत्रिका का चुनाव शोधार्थी द्वारा किस प्रकार किया जायें यह भी बहुत ही अच्छी तरह से समझाया। कार्यशाला के प्रश्नकाल में डॉ. तराई ने प्राध्यापकों, शोधार्थियों एवं एमएड के विद्यार्थियों एवं की शंकाओं का समाधान उदाहरण के द्वारा किया।

कार्यशाला में अंचल के विभिन्न शोध केन्द्रों से शोधार्थी सोजू सैमुअल, रंजना सोंलंकी, जागेश्वर प्रसाद, ममता सिंग, सिनोई जोसेफ, सविता बघेल, मीनाक्षी, श्वेता दीवान, सुरेश, नेहा, अंजू शर्मा, ताजिन, प्राची, भनेश्वरी, काजल निर्मलकर, हुलेश, मोनीश कुमार ने सक्रिय सहभागिता दी।    

कार्यशाला का मंच संचालन स.प्रा. सुश्री श्रद्धा भारद्वाज शिक्षा विभाग ने किया। कार्यशाला की सह संयोजिका डॉ. मंजू कन्नौजिया ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में डॉ. वी. सुजाता प्राचार्य जगद्गुरु शंकराचार्य कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन विशेष रूप से उपस्थित रही। कार्यशाला में सफल संचालन में डॉ. पूनम निकुम्भ विभागाध्यक्ष शिक्षा विभाग स्वरूपानंद महाविद्यलय, श्रीमती मधुमिता सरकार विभागाध्यक्ष शिक्षा विभाग जगद्गुरु शंकराचार्य कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन, सह प्रा. डॉ. दुर्गावती मिश्रा, स.प्रा. डॉ. सुनीता चंद्राकर, स.प्रा. श्रीमती राधा देवी मिश्रा, स.प्रा. श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, स.प्रा. श्रीमती सुगंधा अंवेकर, स.प्रा. श्रीमती अमिता जैन, स.प्रा. डॉ. अभिलाषा शर्मा शिक्षा विभाग ने विशेष सहयोग दिया। महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी कार्यशाला में उपस्थित हुए।