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निर्माण एजेंसियों, ठेकेदारों को शासकीय निर्माण कार्यों में अब पृथक से जीएसटी का भुगतान नहीं करना पड़ेगा

निर्माण एजेंसियों, ठेकेदारों को शासकीय निर्माण कार्यों में अब पृथक से जीएसटी का भुगतान नहीं करना पड़ेगा रायपुर . असल बात न्यूज़.   शासकीय नि...

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निर्माण एजेंसियों, ठेकेदारों को शासकीय निर्माण कार्यों में अब पृथक से जीएसटी का भुगतान नहीं करना पड़ेगा



रायपुर .

असल बात न्यूज़.  

शासकीय निर्माण कार्यों की लागत में  अब पुनरीक्षण पर बढ़ोतरी नहीं होगी. वहीं ठेकेदारों को बाद में पृथक से जीएसटी का भुगतान भी नहीं करना पड़ेगा.अब जो टेंडर होंगे उसमें जीएसटी को जोड़कर रेट निर्धारित किया जाएगा.यह सब सड़क एवं सेतु कार्य की नवीन दर शेड्यूल ऑफ़ रेट के लागू  हो जाने के बाद होने जा रहा है.लोक निर्माण विभाग के मंत्री अरुण साव ने इस अनुसूची का आज विमोचन किया. उसके बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यह एस.ओ.आर.लगभग 10 साल के बाद रिवाइज किया गया है. इसके लागू हो जाने के बाद निर्माण कार्यों से जुड़े ठेकेदारों को अपने काम की ओर अधिक से अधिक ध्यान देने का समय मिलेगा और वे सब अपने निर्माण कार्यों की उच्च गुणवत्ता की और अधिक ध्यान दे पाएंगे..

राज्य के उपमुख्यमंत्री और लोक निर्माण विभाग के मंत्री अरुण साव ने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगे कहा कि प्रदेश की नई सरकार मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सड़कों, पुल -पुलिया के तेजी से निर्माण  और उनकी गुणवत्ता को सुधारने की ऒर विशेष रूप से ध्यान दे रही है. विभाग के द्वारा निर्माण कार्यों में लगने वाली सामग्रियों के दर का,उनके बाजार मूल्य से मूल्यांकन के आधार पर किया जाता है.इसका पिछला एस ओ आर वर्ष 2014 में तैयार, अपडेट हुआ था जो कि वर्ष 2015 से लागू होने के बाद अभी तक लागू था. पिछले 10 वर्षों के दौरान भी इसमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ.जबकि इस दौरान सामग्रियों की कीमत में लगातार बढ़ोतरी होती गई है. ऐसे में निर्माण एजेंसियों और ठेकेदारों को परेशानियों का सामना करना पड़ता रहा है तथा निर्माण के बाद पुनरीक्षण में लगभग सभी चीजों की लागत बढ़ जाना पाया जाता रहा है. अब सड़क एवं सेतु कार्य की नवीन अनुसूची विवाह के द्वारा जारी कर दी गई है. हमने यह दर लागू करने के दौरान आधुनिकतम टेक्नोलॉजी का उपयोग किए जाने की ओर भी ध्यान दिया है. इसके साथ यह भी प्रयास किया जा रहा है कि निर्माण कार्यों की उम्र बढ़ और उसमें अधिक से अधिक आधुनिकतम टेक्नोलॉजी का उपयोग हो सके. पिछले दिनों इंडियन रोड कांग्रेस कि यहां कार्यशाला हुई थी उसमें जो जानकारियां मिली हैं  नए एस ओ आर को डेवलप करते समय उसमें,उससे भी मार्गदर्शन लिया गया है.

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि राज्य में गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्यों से कहीं कतई समझौता नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जब वर्ष 2014 में पिछला एस ओ आर जारी हुआ था,उस समय देश में जीएसटी प्रभावशील नहीं हुआ था.ऐसे में निर्माण कार्यों के टेंडर की दरों का निर्धारण करते समय उसमें जीएसटी को जोड़े जाने का प्रावधान नहीं हो सका था, और अब तक जो भी टेंडर होते रहे हैं जीएसटी की दरों को जोड़े बिना उनके लागत का निर्धारण होता रहा है और जीएसटी के लागू होने के बाद से ठेकेदारों को जीएसटी का बाद में भुगतान करना पड रहा है . ठेकेदारों और निर्माण एजेंसी को जीएसटी का बाद में भुगतान करना पड़ता है. इससे कई बार अनिश्चितता की स्थिति भी बनी रहती है और निर्माण कार्य से जुड़ी एजेंसियों,को जीएसटी का बाद में भुगतान करने की वजह से निर्माण कार्यों की लागत का मूल्यांकन करने में  दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. अब नये एस. ओ.आर. में प्रावधान किया गया है कि निर्माण कार्यों के टेंडर में ही जीएसटी को जोड़कर ही उसके लागत का निर्धारण किया जाएगा. इससे निर्माण कार्य एजेंसी की कई दिक्कते खत्म हो जाएंगे. उन्हें जीएसटी का भुगतान बाद में अलग से नहीं करना पड़ेगा.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोक निर्माण विभाग के सचिव कमलप्रीत सिंह और प्रमुख अभियंता कमलेश पिपरे भी उपस्थित थे.