दो-तीन दिनों के भीतर हो जाएगी भाजपा के जिला अध्यक्षों की घोषणा, यहां नहीं, दिल्ली से किया जाएगा नाम फाइनल छत्तीसगढ़ . असल बात न्यूज़. ...
दो-तीन दिनों के भीतर हो जाएगी भाजपा के जिला अध्यक्षों की घोषणा, यहां नहीं, दिल्ली से किया जाएगा नाम फाइनल
छत्तीसगढ़ .
असल बात न्यूज़.
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भारतीय जनता पार्टी के नए जिला अध्यक्षों की घोषणा होने में अभी कम से कम दो दिन का समय और लगेगा. और अब इतना तो स्पष्ट हो गया है कि नए जिला अध्यक्षों का नाम प्रदेश स्तर पर नहीं,दिल्ली से फाइनल होगा. संगठन पर्व चुनाव के मद्देनज़र भाजपा की आज यहां पार्टी मुख्यालय कुशा भाऊ ठाकरे परिसर में महत्वपूर्ण बैठक हो रही है. बैठक में शामिल होने पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक बड़वानी खरगोन के सांसद गजेंद्र सिंह पटेल भी यहां पहुंचे हैं. उन्होंने इस दौरान पत्रकारों से बातचीत की है. इसमें संकेत मिला है कि प्रदेश स्तर से सर्वसम्मति से नाम तय करने के बाद दिल्ली से इन नामों की फाइनल घोषणा की जाएगी. अभी सभी जिलों में पार्टी का जिला अध्यक्ष बनने,इतनी अधिक मारामारी मची हुई है कि अध्यक्ष बनने के लिए दावेदार, दिल्ली तक की दौड़ लगाते देख सकते हैं.
भाजपा की यह महत्वपूर्ण बैठक अब संपन्न हो चुकी है. इस बैठक में प्रदेश प्रभारी नितिन नवीन, केंद्रीय पर्यवेक्षक सांसद लोकसभा खरगौन - बड़वानी मध्य प्रदेश गजेंद्र सिंह पटेल, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जमवाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव, महामंत्री संगठन पवन साय चुनाव प्रदेश प्रभारी खूबचंद पारख व जिला चुनाव अधिकारी उपस्थित हुए. बैठक में सांसदों और क्षेत्र के विधायकों को भी आमंत्रित किया गया था.
केंद्रीय पर्यवेक्षक सांसद गजेंद्र सिंह पटेल ने बाद में पत्रकारों से चर्चा करते हुए नए जिला अध्यक्षों के चुनाव के संबंध में कई सारी महत्वपूर्ण बातें कही है.उन्होंने कहा है कि वरिष्ठ नेताओं की रायशुमारी,जातिगत समीकरण और कहां किस तरह से काम खड़ा किया जा सकता है,के आधार पर जिला अध्यक्षों का नाम तय किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बैठक में सभी जिलों से बड़ी संख्या में दावेदारों के नाम आए हैं.अच्छी संख्या में दावेदारों के नाम है. प्रमुख लोग बैठकर इन नामों पर विचार कर रहे हैं. यह कोशिश की जा रही है कि सब की सम्मति से नाम तय किए जाएं. इसके बाद यह स्पष्ट हो रहा है कि नए जिला अध्यक्ष के बनने में जातिगत समीकरण की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी. लेकिन इससे भी किसी को खुश नहीं हो जाना चाहिए क्योंकि एक ही जाति से कई कई नाम आने की जानकारी मिली है.
अब यह तो स्पष्ट हो गया है कि इस बैठक से जिला अध्यक्षों का नाम हो जाएगा. लेकिन यहां से क्या एक नाम तय होकर जाएगा अथवा दो-तीन नाम जाएंगे यह कंफर्म नहीं हो सका है. लेकिन नए जिला अध्यक्षों की घोषणा दिल्ली से फाइनल होने के बाद ही हो सकेगी. सभी को ज्ञात होगा कि पार्टी के मंडल अध्यक्षों की घोषणा जिला स्तर पर नहीं हो सकी थी बल्कि इसकी घोषणा जिले के बजाए,प्रदेश स्तर से हरी झंडी के मिलने के बाद की गई थी.
हमारे पास जो जानकारी है भारतीय जनता पार्टी इस बार सभी जिलों में अध्यक्ष पद पर नए चेहरों को मौका देने की तैयारी में है. कुछ जिलों में तो अध्यक्षों का कार्यकाल पूरा हो गया है इसलिए उनकी जगह नए लोगों को अवसर मिल सकेगा. वहीं कई जिलों में अध्यक्षों की बहुत शिकायतें हैं इसकी वजह से उन्हें बदले जाने की संभावना है. यह भी माना जा रहा है कि अब जो पार्षद जैसे पदों पर रहे हैं उनको अध्यक्ष बनने का मौका नहीं मिलेगा क्योंकि ऐसे पद पर रहने के बाद शायद ही कोई भी भ्रष्टाचार के आरोपों के साथ दूसरे कई विवादों से बच सका हो. इसलिए पार्टी की मानसिकता बनी है कि जो संगठन में रहा है उसे ही जिला अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिलनी चाहिए. पार्टी अभी संपूर्ण छत्तीसगढ़ में अपने आप को संगठनात्मक तौर पर अपने को मजबूत बनाने की कोशिश में लगी हुई है. इसलिए विवादित चेहरों से तो वह कन्नी काटने की कोशिश में लगी हुई है.
यह भी उल्लेखनीय है कि संगठन चुनाव में कार्यकर्ताओं की भावनाओं का भी विशेष तौर पर ख्याल रखा जा रहा है. पार्टी ने प्रदेश स्तर पर निर्णय लेकर माना और कवर्धा जिले में एक स्थान पर मंडल अध्यक्ष की जो नियुक्तियां हुई थी उसे कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए निरस्त कर दिया है.