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स्वरूपानंद महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा वीर बाल दिवस पर भाषण प्रतियोगिता का भव्य आयोजन,शहादत की गाथा, वीर बाल दिवस की प्रेरणा

  भिलाई. असल बात न्यूज़.   स्वरूपानंद महाविद्यालय, भिलाई में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के तत्वावधान में ‘वीर बाल दिवस’ के उपलक्ष्य में भा...

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भिलाई.

असल बात न्यूज़.  

स्वरूपानंद महाविद्यालय, भिलाई में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के तत्वावधान में ‘वीर बाल दिवस’ के उपलक्ष्य में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह आयोजन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की घोषणा के अनुरूप किया गया, जिसमें दसवें सिख गुरु गोविंद सिंह जी के साहसी पुत्रों, साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह जी की शहादत को स्मरण किया गया।  

कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को साहिबजादों की अदम्य साहस और धर्म की रक्षा के प्रति उनके अतुलनीय बलिदान से प्रेरित करना था। उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार इस प्रतियोगिता को राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।  

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और गुरु गोविंद सिंह जी के चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करके हुई। इस अवसर पर एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती संयुक्ता पाढ़ी ने वीर बाल दिवस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा, “साहिबजादों का बलिदान न केवल सिख इतिहास में बल्कि विश्व इतिहास में अद्वितीय है। उनका त्याग हमें सत्य, धर्म और न्याय की रक्षा के लिए प्रेरित करता है।”  

भाषण प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने वीर बाल दिवस के महत्व, साहिबजादों के बलिदान और उनकी शिक्षाओं पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने अपने भाषण में सरकार द्वारा वीर बाल दिवस मनाने की पहल की सराहना करते हुए कहा, “साहिबजादों के बलिदान को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देना न केवल उनके महान योगदान को श्रद्धांजलि देना है, बल्कि यह हमारी युवा पीढ़ी को उनकी वीरता और निष्ठा से प्रेरणा लेने का अवसर भी प्रदान करता है। यह पहल हमें अपने इतिहास से जोड़ती है और आने वाली पीढ़ियों को अपने धर्म और संस्कृति के प्रति जागरूक बनाती है।”

प्रथम स्थान प्राप्त बी.ए द्वितीय वर्ष के छात्र अब्दुल हमीद ने साहिबजादों की निडरता और अदम्य साहस का वर्णन करते हुए कहा, "बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह ने धर्म और सत्य की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर किए, जो आज की पीढ़ी के लिए आदर्श हैं। 

द्वितीय स्थान प्राप्त किया बी.कॉम प्रथम सेमेस्टर की छात्रा हिमांशी सिंह परिहार ने जिन्होंने साहिबजादों के बलिदान को भारतीय संस्कृति का गौरव बताते हुए कहा, साहिबजादों की वीरता और त्याग हमें हर कठिनाई में धर्म और सत्य का साथ देने की प्रेरणा देता है।

तृतीय स्थान पाया बी.ए प्रथम सेमेस्टर के छात्र अरबाज खान ने, जिन्होंने अपने भाषण में कहा, साहिबजादों का बलिदान न केवल सिख धर्म बल्कि पूरे भारतवर्ष के लिए प्रेरणास्त्रोत है। उनकी कहानी हमें अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठावान रहने का संदेश देती है।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, “साहिबजादों का बलिदान हमें सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने का संदेश देता है। उनकी कहानी हर भारतीय को अपने जीवन में प्रेरणा लेने का आह्वान करती है। 

महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. हंसा शुक्ला ने विद्यार्थियों की प्रशंसा करते हुए कहा, “इस प्रकार के आयोजन युवाओं को न केवल अपने इतिहास से जोड़ते हैं बल्कि उनके व्यक्तित्व विकास में भी सहायक होते हैं। साहिबजादों की गाथा हमें सिखाती है कि हमें हर परिस्थिति में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए।

प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रमाण पत्र और पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान महाविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों ने विजेताओं की उत्साहपूर्वक सराहना की।  

कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने किया।   

इस आयोजन ने विद्यार्थियों के भीतर वीरता, त्याग, और आदर्शों की भावना को प्रबल किया और उन्हें इतिहास के गौरवशाली अध्याय से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य किया।