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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी),रायपुर को विश्वास, चर्चित शराब घोटाला मामले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ जुटा लिए गए हैं पर्याप्त सबूत, लगभग 2 हजार 161 करोड रुपए अपराध की आय अर्जित किए जाने की आशंका

  छत्तीसगढ़ . असल बात न्यूज़.   प्रवर्तन निदेशालय (ईडी),रायपुर ने पिछले दिनों राज्य में चर्चित शराब घोटाला मामले में विभिन्न क्षेत्रों में ज...

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 छत्तीसगढ़ .

असल बात न्यूज़.  

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी),रायपुर ने पिछले दिनों राज्य में चर्चित शराब घोटाला मामले में विभिन्न क्षेत्रों में जो तलाशी अभियान चलाया है उसमें सूत्र बता रहे हैं कि उसमें,उसे पूर्व मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिल गया है.इस शराब घोटाले में लगभग 2 हजार 161 करोड रुपए अपराध की आय अर्जित किए जाने की आशंका है.

ई डी ने छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत 28.12.2024 को छत्तीसगढ़ के रायपुर, धमतरी और सुकमा जिलों में स्थित सात परिसरों में तलाशी अभियान चलाया। तलाशी अभियान के परिणामस्वरूप, ईडी घोटाले की प्रासंगिक अवधि के दौरान कवासी लखमा द्वारा नकद में पीओसी के उपयोग से संबंधित सबूत जुटाने में सक्षम हो गया है। इसके अलावा, तलाशी में कई डिजिटल डिवाइस बरामद और जब्त की गईं, जिनके बारे में माना जाता है कि उनमें आपत्तिजनक रिकॉर्ड हैं।.

प्रवर्तन निदेशालय ईडी रायपुर ने छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले मामले में धन शोधन व निवारण अधिनियम  पीएमएलए  2002 के. के प्रधानों के तहत छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया है. राजू के रायपुर धमतरी और सुकमा जिलों में मारे गए इस छापे के दौरान एड़ी को कई महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हुई है कई महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं. इस दौरान पूर्व मंत्री कवासी लखमा  के निवास पर भी छापा मारा गया जो कि उस समय आबकारी मंत्री थे. तत्कालीन आबकारी मंत्री श्री लखनऊ पर आरोप है कि वह इस घोटाले में अपराध की आय के मुख्य प्राप्तकर्ता थे. ई डी ने इस दौरान उनके बेटे हरीश लखमा और उनके कई सहयोगियों के यहां भी तलाशी ली है. इस तरह से अभियान के द्वारा ई डी ने कई डिजिटल डिवाइस बरामद और जप्त किया है जिनके बारे में माना जा रहा है कि उनमें कई आपत्तिजनक तथ्य रिकॉर्ड हैं. उल्लेखनीय है कि इस मामले में ईडी के द्वारा इस मामले में काफी पहले से जांच की जा रही है. प्रकरण में पहले अनवर ढेबर अनिल टुटेजा तथा अन्य कुछ लोगों के नाम सामने आए हैं और यह आशंका है कि इनका सिंडिकेट शराब घोटाले में काम कर रहा है.इस शराब घोटाले में लगभग 2 हजार 161 करोड रुपए अपराध की आय पीओसी  अर्जित किए जाने की आशंका है. ई डी की जांच में यह आशंका  सामने आ रही है कि तत्कालीन आबकारी मंत्री श्री लखमा उस अपराध की आय में बड़ी मात्रा में नगदी प्राप्त करते थे. तलाशी अभियान के द्वारा मिले तमाम सबूतो से यह बात सामने आ रही है कि यह शराब घोटाला वर्ष 2019 से 2022 तक चला और इस शराब घोटाले में अपराध की आय कई तरह के कमीशन से हासिल किया गया. यह अपराध की आय निम्न तरीके से निर्मित किए गए.

 पार्ट ए कमीशन - सीएसएमसीएल यानी शराब की खरीद और व बिक्री के  राज्य के निकाय द्वारा डिस्टलरी से खरीदी गई शराब के प्रत्येक केस के लिए रिश्वत ली गई।

 पार्ट 2- कच्ची शराब की बिक्री- बिना हिसाब किताब वाली कच्ची शराब की बिक्री. इस मामले में में ₹1रुपया भी राज्य के खजाने में नहीं पहुंचा. आशंका है की बिक्री की पूरी रकम शराब घोटाले के सिंडिकेट के सदस्यों के द्वारा हड़प ली गई.अवैध शराब राज्य के द्वारा संचालित दुकानों से बेची गई.

पार्ट सी कमीशन - कार्टून बनाने और बाजार में निश्चित रिश्तेदारी रखने की अनुमति देने के लिए डिस्टरलर्स से रिश्वत ली गई. 

एफएल.10ए लाइसेंस धारकों से कमीशन जिन्हें विदेशी शराब के क्षेत्र में भी कमाई के लिए इंट्रोड्यूस किया गया था

 उल्लेखनीय है कि  इस मामले में पहले ही लगभग  205 करोड़ रुपये की  संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया जा चुका है और कार्रवाई की गई है. इस मामले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है.और ई डी ने दो पूरक पीसी दायर किए हैं. जिस पर माननीय विशेष  न्यायालय ;पीएमएलएद्धए रायपुर द्वारा पहले ही संज्ञान मैं लिया जा चुका है।आगे की जांच प्रक्रिया अधीन है.