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40 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद निकाले गए साइलो के नीचे दबे एक इंजीनियर के साथ दो मजदूरों के शव

  बिलासपुर/मुंगेली। सरगांव में ग्राम पंचायत रामबोड़ स्थित कुसुम लोहा फैक्ट्री में साइलो के गिरने से राखड़ में दबे एक इंजीनियर के अलावा दो म...

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 बिलासपुर/मुंगेली। सरगांव में ग्राम पंचायत रामबोड़ स्थित कुसुम लोहा फैक्ट्री में साइलो के गिरने से राखड़ में दबे एक इंजीनियर के अलावा दो मजदूरों के शवों को सुबह तक ढूंढकर निकाला गया. लगातार 40 घंटे चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीम ने अंजाम दिया.साइलो के नीचे दबे मिले शवों की पहचान इंजीनियर बिलासपुर के सरकंडा निवासी जयंत साहू पिता काशीनाथ साहू के अलावा दो मजदूर – जांजगीर-चांपा जिला के तागा निवासी अवधेश कश्यप पिता निखादराम कश्यप और बलौदाबाजार जिले के अकोली निवासी प्रकाश यादव पिता परदेशी यादव के रूप में हुई है. तीनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए सिम्स, बिलासपुर भेजा गया है. इसके पहले एक मजदूर मनोज धृतलहरे को घायल अवस्था में घटना स्थल से निकाला गया था, जिसकी उपचार के दौरान अस्पताल में मौत हो गई थी. इस तरह से इस हादसे में अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है.



कलेक्टर राहुल देव ने कहा तीसरी बार में मिली सफलता

कलेक्टर राहुल देव ने कहा कि 40 घण्टे चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में दो बार असफलता भी मिली, उसके बाद भी हमने हार नही माना,और आखिरकार तीसरी बार में सफलता मिली. उन्होंने कहा कि दोषियों के विरुद्ध प्रथम दृष्टया एफआईआर दर्ज की गई है. मामले की सूक्ष्मता से जांच कराई जाएगी जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

उप मुख्यमंत्री साव ने जताया दुख

वहीं देर रात मौके पर पहुँचे डिप्टी सीएम अरुण साव ने इस घटना को लेकर दुःख जताया,और कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण हैं. सरकार ने मामले में कार्रवाई करना शुरू कर दिया है. एफआईआर दर्ज हुई है, आगे और भी कार्रवाई जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि सरकार मृतक के परिजनों के साथ है. डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकार और फैक्ट्री प्रबंधक के द्वारा हर संभव आर्थिक सहायता मृतक के परिजनों को दिया जाएगा.