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केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने की भगवान पार्श्वनाथ की पूजा अर्चना

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दुर्ग, केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय दुर्ग प्रवास के दौरान आज ग्राम नगपुरा स्थित 23 वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ भगवान जी के प्राचीन व ऐतिहासिक मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों सहित देशवासियों की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री द्वय अरूण साव और विजय शर्मा, आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम, सांसद दुर्ग विजय बघेल, रायपुर पश्चिम विधायक राजेश मुणत, पंडरिया विधायक भावना बोहरा, विधायक दुर्ग ग्रामीण ललित चंद्राकार उपस्थित रहे।

उल्लेखनीय है कि 23 वें तीर्थंकर भगवान श्री पार्श्वनाथ का यह मंदिर लगभग 3000 साल पहले उनके श्रमण काल में इस क्षेत्र में श्रमैन (त्याग के माध्यम से आत्म-प्राप्ति के लिए समर्पित एक भम्रणशील भिक्षुक) के रूप में उनकी पवित्र यात्रा की स्मृति दिलाता है। बिखरे हुए जैन मूर्तिकला के अवशेष, भक्तों की बड़ी संख्या और भगवान के चरण चिन्हों के साथ प्राचीन मंदिर ऐतिहासिक रूप से इस क्षेत्र के लिए भगवान की यात्रा को साबित करते है। इस प्राचीन मूर्ति के मिलने से लेकर पुनः स्थापित होने तक चमत्कारीक तरीका भी स्पष्ट रूप से उनकी दिव्य कृपा साबित करता है। यह मंदिर पत्थरों पर उत्कीर्ण जैन-भक्ति दर्शन का एक महाकाव्य है। इस तार्थस्थान की यात्रा, यात्रियों को उदार आचरण, आत्म-अनुशासन, तपस्या और समानता को प्रेरित करती है। 1995 में नगपुरा में स्थापित यह एक जैन मंदिर है। परिसर में मंदिर, गेस्ट हाउस, एक बगीचा और प्राकृतिक चिकित्सा व योग केंद्र स्थित हैं। संगमरमर से बने भगवान पार्श्वनाथ के इस मंदिर का प्रवेश द्वार 30 फीट गेट के माध्यम से है, जिसमें चार स्तंभो जो आध्यात्मिक जीवन के चार आवश्यक तत्वों यथा ज्ञान, आत्म निरीक्षण, अच्छा आचरण और तपस्या का प्रतिनिधित्व करती है, पर स्थित भगवान श्री पार्श्वनाथ की मूर्ति है, जिसकी दो हाथियों द्वारा पूजा की जा रही है। मूर्ति से पवित्र जल, अमीया रसता है। सैकड़ों तीर्थयात्री इस मंदिर को पूर्णिमा के दिन दर्शन करने आते हैं।