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स्वरूपानंद महाविद्यालय में शाकंभरी पूर्णिमा उल्लास पूर्वक संपन्न:भारतीय ज्ञान परम्परा से विद्यार्थियों को परिचित कराने हेतु पहल

  भिलाई. असल बात news.   स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको ,भिलाई में शाकंभरी पूर्णिमा पर्व धूमधाम से मनाया गया।कार्यक्रम की...

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भिलाई.

असल बात news.  

स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको ,भिलाई में शाकंभरी पूर्णिमा पर्व धूमधाम से मनाया गया।कार्यक्रम की संयोजिका डॉ सावित्री शर्मा ,प्रोफेसर, शिक्षा विभाग एवं प्रभारी कला विभाग ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पर्व हरियाली की देवी शाकंभरी देवी के जन्मदिवस, आध्यात्मिक ज्ञान एवं सामाजिक समरसता का प्रतीक है।

महाविद्यालय के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी डॉ दीपक शर्मा एवं डॉ मोनिशा शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत विद्यार्थियों के समग्र विकास हेतु महाविद्यालय द्वारा इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन अत्यंत सराहनीय प्रयास है। शिक्षा के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाने का अर्थ विद्यार्थियों के विकास में समग्र पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना है ना कि केवल शैक्षणिक प्रगति पर। 

महाविद्यालय की प्राचार्य डॉक्टर हंसा शुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहां कि यह पर्व सनातन धर्म और भारतीय सभ्यता से जुड़ी संस्कृति का जीवंत प्रतीक है ,जो विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

इस अवसर पर  समस्त प्राध्यापको एवं विद्यार्थियों एकत्रित होकर शाकंभरी देवी कथा का श्रवण किया ।जिसके माध्यम से  सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों से परिचित कराया।

इंडियन नॉलेज सिस्टम के अंतर्गत उन्होंने यह जाना कि किस प्रकार जब पृथ्वी पर अकाल पड़ा तब देवी शाकंभरी पृथ्वी पर अवतरित हुई और विभिन्न शाक सब्जियों ,फलों एवं जड़ी बूटियां के रूप में उन्होंने भोजन प्रदान कर लोक मंगल किया। शाकंभरी दो शब्दों से मिलकर बना है शाक का अर्थ है शाकाहार साग सब्जी और अंभारी अर्थात भरने वाली ,संसार का भरण पोषण करने वाली ।सनातन धर्म में यह पर्व न केवल चंद्रमा की पूर्ण कलाओं का प्रतीक है, अपितु देवी शक्ति प्राप्त करने का भी विशेष अवसर है.

इस अवसर पर प्राध्यापको एवं विद्यार्थियों ने शाक सब्जी फल संग्रह कर उनसे देवी का श्रृंगार किया एवं प्रसाद रूप में  वितरित कर सामाजिक जनजीवन में सुख समृद्धि और शांति का संदेश प्रेषित किया।

 कार्यक्रम को सफल बनाने में सहायक प्राध्यापक श्री गोल्डी सिंह राजपूत का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।