भिलाई. असल बात news स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको, भिलाई में राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर “सशक्त बालिका सशक्त राष...
भिलाई.
असल बात news
स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको, भिलाई में राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर “सशक्त बालिका सशक्त राष्ट्र” विषय पर अंर्तविभागीय परिचर्चा का आयोजन महिला प्रकोष्ठ द्वारा किया गया।कार्यक्रम प्रभारी स.प्रा. जन्तुविज्ञान एवम सदस्य महिला सेल जया तिवारी ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुये कहा बालिकाओं को अपनी सुरक्षा के प्रति स्वयं सचेत रहना होगा। बेटियाँ शक्ति साहस और समर्पण की प्रतीक है उनके बेहतर कल के लिये हमारी जिम्मेदारी है उन्हें उज्ज्वल और सुरक्षित भविष्य दें। आधी आबादी को उनका अधिकार दिलाने का संकल्प ले। बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने कार्यक्रम आयोजन के लिए महिला प्रकोष्ठ को बधाई दी। प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहा अनेक अधिकार मिलने के बाद भी लड़कियाँ हासिये में डाल दी जाती है। वे यौन हिंसा व घरेलू हिंसा की शिकार हो रही है। बहुत सी लड़कियों को पढ़ाई छुड़ाकर घर के काम काज में लगा दिया जाता है जो विसंगतिपूर्ण है महिला होने के नाते हमें अपने लिये स्वयं आवाज उठाना होगा।
अदिति पांडे बीएससी अंतिम वर्ष ने कहा सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो अब न गोविंद आयेंगे कविता की पंक्ति सुनाई व कहा महिलाओं के प्रति अत्याचार बढ़ा क्योंकि हमने अपने लड़को को समझाना छोड़ दिया है। इस दुनिया में अगर नई जान को लाने की क्षमता है तो हम अपने अधिकारों के लिए भी लड़ सकते हैं उन्होंने आत्मनिर्भर होने से आत्मविश्वास बढ़ता है कहा।
गीतांशी पांडे बीएससी प्रथम वर्ष ने अपने अनुभवों को साझा किया व कहा जिसे हम नहीं जानते पहचानते उनके साथ कभी कहीं नहीं जाना चाहिए। मनीषा बीएड छात्रा ने कहा हम पापा की परी नहीं है बल्कि हम पापा की राजकुमारी है जो आवश्यकता पड़ने पर हाथों में हथियार उठा सकती है अपना बचाव कर सकती है।
प्रणय बीएससी तृतीय वर्ष के छात्र ने कहा हमारे यहां प्रारंभ से ही लड़कों व लड़कियों को अलग-अलग रखा जाता है इससे आपसी समझ नहीं बन पाती है दोनों का समान रूप से देखभाल करनी चाहिये।
हर्षा बीएड विद्यार्थियों ने कहा सशक्त होने का मतलब उच्छृंखल होना नहीं है हम पर जो बंधन लगायें जाते है उसका उद्देश्य हमारी सुरक्षा करना होता है हमें ज्ञान है इसका मतलब यह नहीं हमें कोई कुछ नहीं कह सकता जहां तक संभव हो जहाँ बहुत सारे लोग है वहाँ छोटे कपड़े में नहीं जाना चाहिये मेरी मर्जी मै कुछ भी पहनू यह नही चलेगा।
डॉ. शमा ए. बेग विभागाध्यक्ष माइक्रोबॉयोलॉजी ने सरकार द्वारा चलाई जाने वाली विभिन्न सुरक्षा योजना व एप् की जानकारी दी व बताया बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं, सुकन्या समृद्धि योजना बालिका शिक्षा अभियान लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये चलाया जा रहा है।
उन्होंने रक्षा एवं शक्ति, हरासमेंट हेल्पलाईन एवं निर्भया एप की जानकारी दी व बालिकाओं के सुरक्षा के लिये जारी 1091, महिला सुरक्षा हेल्पलाईन 181 काउंसलिंग लिगल एप, 112 पुलिस फायर, मेडिकल व 1098 बच्चों का हेल्पलाईन की विस्तृत जानकारी दी।
डॉ. सुनीता वर्मा विभागाध्यक्ष हिंदी ने कहा हमें अपनी सुरक्षा स्वयं करनी है क्योंकि लड़कियाँ माँ के कोख में भी सुरक्षित नहीं है दो महिने से लेकर सत्तर साल की वृद्धा तक के रेप की खबरें आती है। कोई दुर्घटना की स्थिति होने पर हमारे पास जो भी समान पानी का बॉटल, पेन, बकल उपलब्ध है उसे हमें हथियार के रूप में उपयोग करना चाहिये, मुंह, नाक, कान, आँख आदि स्थानों पर वार करें डरे नहीं जोर-जोर से चिल्लायें जिससे आवाज सुन सहायता के लिये लोग आ सकें।
डॉ. शैलजा पवार स.प्रा. शिक्षा विभाग ने घर में ही लड़को को लड़कियों का आदर करने की संस्कार डालने की बात कही। डॉ. नीना बागची विभागाध्यक्ष वनस्पत्ति विज्ञान ने खुद को अपनी सुरक्षा व बचाव के लिये जागरूक रखने की बात कही। स.प्रा. संजना सोलोमन ने सोशल मीडिया में बालिकाओं की बिगड़ती छवि पर चिन्ता व्यक्त करते हुए प्रचलित थीम व रील का उदाहरण दिया व बताया कोई भी थीम या रील जो महिला हिंसा या घरेलू हिंसा को बढ़ावा देता है उसका तुरंत शिकायत करना चाहिये। कार्यवाही तुरंत होती है। कार्यक्रम में मंच संचालन व धन्यवाद स.प्रा. जया तिवारी विभागाध्यक्ष जंतु विज्ञान ने दिया। कार्यक्रम में सभी संकाय के विद्यार्थी व प्राध्यापक उपस्थित हुए।