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लोकमाता देवी अहिल्या बाई होलकर की त्रिशताब्दी जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन

  भिलाई. असल बात news.   भिलाई प्रौद्योगिकी संस्थान (बीआईटी), दुर्ग की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई द्वारा लोकमाता देवी अहिल्या बाई हो...

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भिलाई.

असल बात news.  

भिलाई प्रौद्योगिकी संस्थान (बीआईटी), दुर्ग की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई द्वारा लोकमाता देवी अहिल्या बाई होलकर की त्रिशताब्दी जयंती के उपलक्ष्य में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम उनके प्रेरणादायक जीवन और समाज सेवा में उनके अद्वितीय योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक माध्यम बना। संगोष्ठी का शुभारंभ प्राचार्य डॉ. अरुण अरोरा के मार्गदर्शन में दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम का संचालन एनएसएस की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शबाना नाज़ सिद्दीकी के निर्देशन में किया गया।  

मुख्य वक्ता के रूप में छत्तीसगढ़ महाविद्यालय, रायपुर के सेवानिवृत्त प्राध्यापक प्रो. टोप लाल वर्मा उपस्थित रहे। उन्होंने देवी अहिल्या बाई के जीवन की प्रेरणादायक घटनाओं और उनके न्यायपूर्ण शासन पर प्रकाश डाला। उन्होंने उनके द्वारा समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए किए गए कार्यों को विस्तार से समझाया। प्रो. वर्मा ने कहा कि देवी अहिल्या बाई का जीवन न केवल समाज सेवा का आदर्श है, बल्कि यह दिखाता है कि किस प्रकार अपने धैर्य और संकल्प के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।  

इस कार्यक्रम के अध्यक्षता पूर्व कुलपति, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग, प्रो. एन.पी. दीक्षित ने की। अपने प्रेरक संबोधन में उन्होंने देवी अहिल्या बाई को सच्ची समाज सेविका और महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया। प्रो. दीक्षित ने कहा कि उनका जीवन हमें सिखाता है कि कैसे एक मजबूत नेतृत्व और समर्पण के माध्यम से समाज को न्याय और सेवा के पथ पर अग्रसर किया जा सकता है।

कार्यक्रम में बीआईटी दुर्ग के संकाय सदस्य, एनएसएस स्वयंसेवक, बड़ी संख्या में छात्र-छात्रा और अन्य विशिष्ट अतिथि भी उपस्थित रहे। संगोष्ठी के दौरान सभी ने देवी अहिल्या बाई होलकर के जीवन से प्रेरणा लेते हुए समाज सेवा और न्याय की भावना को अपने जीवन में आत्मसात करने का संकल्प लिया। 

कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। एनएसएस इकाई ने इस आयोजन को सफल बनाने में योगदान देने वाले सभी अतिथियों, छात्रों और स्वयंसेवकों का आभार व्यक्त किया। यह संगोष्ठी सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी और समाज सेवा के प्रति नई सोच विकसित करने में सहायक रही।