Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


नेता प्रतिपक्ष ने लगाया बंदरबांट का आरोप, तो CMO ने कहा पालिका अध्यक्ष निजी खर्च से करेंगी भुगतान

  खैरागढ़.  गणतंत्र दिवस के मद्देनजर खैरागढ़ के राजा फतेह सिंह मैदान में कार्यक्रम की तैयारियां तेज हो गई है. लेकिन इन तैयारियों के बीच नगर ...

Also Read

 खैरागढ़. गणतंत्र दिवस के मद्देनजर खैरागढ़ के राजा फतेह सिंह मैदान में कार्यक्रम की तैयारियां तेज हो गई है. लेकिन इन तैयारियों के बीच नगर पालिका प्रशासन पर नियमों की अनदेखी और लापरवाही के गंभीर आरोप लग रहे हैं. विपक्ष ने बिना टेंडर के लाखों रुपये के काम कराए जाने को लेकर नगर पालिका प्रशासन पर निशाना साधा है. नेता प्रतिपक्ष दीपक देवांगन ने कहा कि नगर पालिका प्रशासन ने निविदा प्रक्रिया को नजरअंदाज कर अपने पसंदीदा ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का काम किया है. उन्होंने आरोप लगाया, “फतेह सिंह मैदान के अलावा मंगल भवन और नगर पालिका कार्यालय में भी बिना टेंडर के काम कराया जा रहा है. यह सरकारी नियमों का खुला उल्लंघन और जनता के धन का दुरुपयोग है.

दूसरी ओर, नगर पालिका के सीएमओ नरेंद्र वर्मा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि फतेह सिंह मैदान में जो भी काम हो रहा है, वह नगर पालिका अध्यक्ष गिरिजा चंद्राकर द्वारा अपने निजी खर्च से कराया जा रहा है. वर्मा ने कहा, “यह कार्य पालिका के बजट से नहीं, बल्कि अध्यक्ष महोदया के निजी खर्च से हो रहा है.” हालांकि, सीएमओ के इस बयान ने विवाद को और भड़का दिया है. 

सूत्रों के अनुसार, केवल फतेह सिंह मैदान ही नहीं, बल्कि मंगल भवन में टाइल्स लगाने और नगर पालिका कार्यालय में रंगरोगन का काम भी जारी है, जिसकी लागत लाखों रुपये में है. यदि इन कामों का भुगतान पालिका अध्यक्ष अपने निजी खर्च से करेंगी, तो यह खैरागढ़ के इतिहास में पहली बार होगा जब कोई अध्यक्ष अपनी जेब से लाखो रुपए खर्च कर सरकारी काम करवाएगा. विपक्ष ने इसे बंदरबांट करार देते हुए आरोप लगाया कि बिना टेंडर प्रक्रिया के काम कराकर चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया जा रहा है.

गणतंत्र दिवस के आयोजन से पहले फतेह सिंह मैदान की बदहाल स्थिति भी चर्चा का विषय बनी हुई है. मैदान में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है.

महिलाओं के लिए बने शौचालयों की हालत दयनीय है. बाथरूम के दरवाजे टूटे हुए हैं, जिससे प्रतिभागियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा, मैदान रात में शराबियों का अड्डा बन जाता है, जिससे मैदान की स्थिति और खराब हो रही है.इन हालातों में गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय आयोजन की गरिमा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. विपक्ष ने इस पूरे मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इन आरोपों का क्या जवाब देता है और क्या 26 जनवरी का आयोजन इन विवादों और अव्यवस्थाओं के बीच सुचारू रूप से संपन्न हो पाएगा.