Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


1 मार्च को जिलों में ईडी का पुतला दहन, 3 मार्च को ईडी दफ्तर का घेराव

असल बात न्युज  1 मार्च को जिलों में ईडी का पुतला दहन, 3 मार्च को ईडी दफ्तर का घेराव रायपुर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पत्रकारवार्त...

Also Read

असल बात न्युज 

1 मार्च को जिलों में ईडी का पुतला दहन, 3 मार्च को ईडी दफ्तर का घेराव


रायपुर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि ईडी के द्वारा भेजे गये सम्मन के आधार पर जानकारी देने गये कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू को जबरिया ईडी ऑफिस में घंटों बैठाया जाना बेहद ही आपत्तिजनक है। ईडी ने कांग्रेस से उसके जिला कार्यालय के निर्माण के संबंध में जानकारी मांगी थी। प्रभारी महामंत्री ईडी के द्वारा चाही गयी जानकारी को देने ईडी ऑफिस गये थे। जानकारी प्राप्त करने के तुरंत बाद ईडी को उनको वापस आने देना चाहिए था। ईडी को कुछ अतिरिक्त जानकारी चाहिये थी तो उसको वह लिखित में मांग सकती थी, उस जानकारी को उपलब्ध कराया जायेगा। कांग्रेस अपने कार्यालयों के निर्माण के एक-एक रू. का हिसाब देगी। ईडी ने भाजपा के इशारे पर कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी को अनावश्यक घंटों बैठाये रखा था। ईडी भाजपा के अनुषांगिक संगठन की भांति काम कर रही है जो सर्वथा अस्वीकार्य है। ईडी ने कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री से जो सवाल किया उससे साफ हो रहा था कि ईडी की मंशा कांग्रेस पदाधिकारी को प्रताड़ित करना है। प्रभारी महामंत्री इडी के सवालो का जवाब देने गये थे फिर उनके व्यक्तिगत, पारिवारिक संपत्ति का ब्योरा क्यों मांगा गया। सम्मन के चार बिन्दु थे उसमें यह तो नहीं था। ईडी नगर निगम कब से हो गयी, वह बिल्डिंग का नक्शा कब पास हुआ, लेआऊट कहा है, छज्जा कितना निकला है, ऊंचाई कितनी है? यह सवाल पूछ रही है, नक्शा पास हुआ या नहीं लोकल पालिका पूछेगी सिर्फ परेशान करने की नीयत है साफ दिख रहा है। क्या ईडी सभी कांग्रेस के पदाधिकारियों की संपत्ति की जांच के एजेंडे पर आई थी। ईडी की तानाशाही कार्यवाही के विरोध में सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ने का निर्णय कांग्रेस कार्यकारिणी ने लिया है। 1 मार्च से पहले सभी जिलो में पुतला दहन किया जायेगा। 3 मार्च को इडी आफिस के सामने बड़ा प्रदर्शन किया जायेगा। ईडी को राजनैतिक दल के कार्यक्रमों के खर्चों एवं पार्टी दफ्तर के निर्माण का ब्यौरा जानने का इतना ही शौक है तो सिर्फ कांग्रेस का ही क्यों वह भाजपा के भी खर्चों की पड़ताल करे। ईडी में साहस है तो वह भाजपा के 150 करोड़ रू. की लागत से बने भाजपा कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे को बनाने का रुपया कहां से आया इसकी जांच करे? कुशाभाऊ ठाकरे परिसर फाईव स्टार होटल की तर्ज पर बनाया गया है। रायपुर में ही भाजपा के कार्यालय एकात्म परिसर की जमीन राजनैतिक दल के कार्यालय के लिये भाजपा ने 1 रू. में हासिल किया था। एकात्म परिसर को व्यवसायिक काम्प्लेक्स में तब्दील कर दिया गया जहां से 1.5 करोड़ रूपया किराया भाजपा वसूलती है ईडी उसकी जांच करेगी? भाजपा के पितृ संगठन जिसका पंजीयन तक नहीं है उस आरएसएस ने 500 करोड़ की लागत से दिल्ली में अपना दफ्तर बनाया है। इस रकम के स्रोत की ईडी जांच क्यों नहीं करती है? ईडी भाजपा के लिखे पटकथा पर अमल कर रही है। कांग्रेस कार्यालय की जांच हो सकती है तो भाजपा के कार्यालयों की जांच क्यों नहीं होना चाहिये। हमारा भवन हमारे कार्यकर्ताओं के सहयोग से एकत्रित किये धन से बनाया गया है हमारे पास पूरा हिसाब है। हमारे सुकमा राजीव भवन की कुल लागत 65 लाख रू. लगभग है। कोंटा के भवन की निर्माण की लागत 20 लाख लगभग है जो अभी अपूर्ण है। जिसका पूरा पेमेंट पीसीसी ने चेक से किया है। एक-एक खर्च का ऑडिट हुआ है।

पुलिस मेरी जासूसी करवा रही - दीपक बैज

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पिछले दिनों हम सबने देखा कि इस सरकार ने प्रशासनिक आतंक से किस प्रकार से स्थानीय निकाय के चुनाव को प्रभावित किया, उसके बाद में इनका जी नहीं भरा। ईडी पीसीसी कार्यालय आती है और दंतेवाड़ा से सीजी अट्ठारह सीरिज की गाडी आती है, पिछली रात बारह बजे से लेकर कल दिनभर और फिर कल रात बारह बजे तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के निवास में जासूसी करती है। वहां टीआई रैंक के अधिकारी, एक सब इंस्पेक्टर और सिपाही आते है, चौबिस घंटा जासूसी करते है आखिर क्यों? ऐसी क्या आवश्यकता पड़ी कि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष के निवास में घर के गेट के लेफ्ट और राइट दोनों साइड खड़े होकर आप जासूसी करते हैं क्यों? मुझे दिन से पता था कि दंतेवाड़ा से गाड़ी आई है और घर के बाहर जासूसी कर रही है, लेकिन व्यस्तता की वजह से मैंने इग्नोर कर दिया, जब रात को हम लोगों ने पुनः देखा कि गाड़ी आसपास घूम रही, स्वयं हम लोग कार्यकर्ता के साथ गये, हम लोगों ने पूछा कि दंतेवाड़ा की गाड़ी यहाँ क्या कर रही है? उनके पास कोई जवाब नहीं था और कहा कि हम ऐसे ही आये हैं, कुछ काम नहीं है, फिर हमने पूछा कौन भेजा है? एडिशनल एसपी दंतेवाड़ा को हमने फोन किया क्यों भेजा? किस लिए भेजा? उसके पास भी कोई जवाब नहीं था। उसके बाद फिर हमारे जिलाध्यक्ष का नाम लेते हुये कहा कि उनकी देखरेख के लिए हम आए हैं। मैंने कहा उनका घर तो आपके जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर पीछे है, वह घर में सोए है वहां गए थे क्या? देवेन्द्र नगर रायपुर में उनका घर नहीं है, आपके पास नोटिस है क्या? गिरफ्तारी वारंट है क्या? या कोई नोटिस है क्या उनको दें के खोज रहे है? मतलब साफ है कि प्रदेश अध्यक्ष के घर में कौन स्थानीय निकाय चुनाव जीता हुआ जनप्रतिनिधि आ रहे हैं, जिला पंचायत के मेंबर, जनपद के सदस्य रहे हैं, उन पर निगरानी रखी जा रही है। दंतेवाड़ा जिला के एडिशनल एसपी किसके इशारे पर काम कर रहे है ?क्या भारतीय जनता पार्टी और सरकार के एजेंट बनकर काम कर रहा है? उस दिन मैंने कहा कि कलेक्टर और एसपी और बहुत पुलिस प्रशासन पूरी तरह से सरकार की एजेंट की तरह काम कर रही है कि जनपदों में कांग्रेस के चुने हुए जनपद सदस्य को डराओ, धमकाओं, उठाओ, बंदूक की नोक पर भाजपा का जनपद अध्यक्ष बनाओ, जिला पंचायतों में भी कांग्रेस के जीते हुए सदस्यों को बंदूक की नोक पर उठा, ले जाओ और भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष बनाओ। मैंने कहा था कि फॉर्च्यूनर का ऑफर चल रहा है, इनोवा का ऑफर चल रहा है, स्कॉर्पियो का ऑफर चल रहा है, पैसे का खुलेआम ऑफर चल रहे, उस दिन मैंने कहा था और पुलिस प्रशासन और कलेक्टर एसपी भी एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। ये कल साबित हुआ। हम बिना तथ्य बिना के आरोप नहीं लगा रहे सारे आरोप तथ्यात्मक रूप से सही है। हमने गाड़ी को पकड़ा है, हमारे कार्यकर्ताओं ने गाड़ी को पकड़ा और मीडिया के साथ ही आप भी उपस्थित रहे पूरे प्रदेश की जनता ने देखा कि लोकतंत्र को कुचलने के लिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार किस हद तक जा सकती है इससे बड़ा उदाहरण नहीं हो सकता। हमने भी पांच साल सरकार चलाई, हमारी कांग्रेस की सरकार थी, नगरीय निकाय चुनाव हमारी सरकार में पारदर्शितापूर्ण तरीके से कराये। बैलेट पेपर से कराये। कहीं कोई दिक्कत नहीं आई। बंदूक की नोक पर हम लोग डराने धमकाने का काम नहीं किये, जो यह सरकार कर रही है। जो लोकतंत्र के लिए घातक है, बंदूक की नोक पर सरकार चुनाव जीतना चाहती है जबकि लोकतंत्र में ऐसा संभव नहीं है। हम निष्पक्षतापूर्ण जांच और कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं।