पाटन,दुर्ग . असल बात न्यूज़. त्रिस्तरीय चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों को अब चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया गया है जिसके बाद ग्रामीण क्ष...
पाटन,दुर्ग .
असल बात न्यूज़.
त्रिस्तरीय चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों को अब चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया गया है जिसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में चुनावी सरगर्मी तेज होनी शुरू हो गई है.प्रत्याशी अपने चुनाव चिन्ह का इंतजार कर रहे थे और यह मिल जाने के बाद उन लोगों ने अपने-अपने चुनाव चिन्ह के साथ अपना बैनर पोस्टर फ्लेक्स बनाने का आर्डर देना शुरू कर दिया है.वहीं,कहां कैसा समीकरण बन सकता है,इसका विश्लेषण किया जाना भी शुरू हो गया है.पाटन के जामगांव आर में सरपंच पद के चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना बन रही है.निवृत्तमान उपसरपंच श्रीमती देवकी चंद्राकर ने यहां से सरपंच पद के लिए अपना नामांकन दाखिल कर यहां के राजनीतिक बिसात पर नए वातावरण खड़ा कर दिया है.श्रीमती देवकी चंद्राकर कह रही हैं कि उन्होंने स्थानीय जनसमर्थन से गांव में विकास के लिए यह चुनाव लड़ने का निश्चय किया है.
त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव गैर दलीय आधार पर हो रहे हैं,लेकिन यहां राजनीतिक दलों ने विभिन्न पदों के लिए अपने समर्थन से उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है.यहां में सरपंच पद के लिए भी भाजपा के नरेश केला और कांग्रेस के श्री रूपेंद्र शुक्ला प्रत्याशी हैं. मुख्य राजनीतिक दलों के समर्थित प्रत्याशियों के चुनाव मैदान में होने के दबाव के बावजूद वे चुनाव क्यों लड़ रही हैं के सवाल पर श्रीमती देवकी कहती हैं कि इस बार चुनाव मैदान में उतरने के पूर्व उन्होंने गांव में व्यापक जनसंपर्क किया है.लोगों से विचार विमर्श किया है. पिछले वर्षों के दौरान क्षेत्र की जो अपेक्षा हुई है, उसे समझते हुए लोगों ने कहा कि उन्हें चुनाव मैदान में उतरना चाहिए. इसलिए वे यह चुनाव लड़ रही हैं. बड़ी राजनीतिक पार्टियों का दबाव रहता है लेकिन यहां के लोगों का उन्हें सहयोग मिल रहा है.लोग उनके साथ है. उन्होंने बताया कि वह अभी इस गांव में उपसरपंच रही हैं. इस कार्यकाल में उनके गांव में विकास का कोई काम नहीं हुआ.गांव की अपेक्षा की गई. यहां सामुदायिक भवन बना उसमें डोम बनाने का आश्वासन दिया गया था लेकिन नहीं लगाया गया. इस भवन में सीपेज बहुत है. यह एक बड़ी जनसंख्या वाला गांव है. यहां थाना भवन बना था लेकिन उसे दूसरे गांव में बनवा दिया गया. रेस्ट हाउस भी दूसरे गांव में बनवा दिया गया. इस गांव के लिए अस्पताल दो बार स्वीकृत हो चुका है लेकिन दोनों बार उसे यहां जगह का अभाव बताकर दूसरी जगह भेज दिया गया.इन मुद्दों को लेकर वे लोगों के साथ मिलकर संघर्ष कर रही हैं.इससे समझा जा सकता है कि इस गांव की कैसी उपेक्षा होती रही है. यही सब उनके चुनाव लड़ने की वजह है.
उन्होंने बताया कि इसके अलावा भी गांव में कई समस्या है. पानी की समस्या है.स्ट्रीट लाइट शायद ही कहीं जलती है.विधवा पेंशन,वृद्धा पेंशन के लिए भी गांव के लोग भटक रहे हैं. वह इन समस्याओं के निराकरण के लिए प्राथमिकता पूरा प्रयास करेंगी. उन्होंने कहा कि वह अपने गांव जामगांव आर का विकास चाहती हैं. उनका सपना है कि इस गांव में स्वास्थ्य केंद्र होना चाहिए और वे इसके लिए प्रयास कर रही हैं. शासन की योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिल सके,जन जन तक सुविधा पहुंच सके, इसके लिए भी लगातार प्रयासरत है.
उन्होंने कहा कि सरपंच का चुनाव जीत जाने के बाद ज्यादातर लोग 5 साल तक अपना मोबाइल बंद कर देते हैं.वह मोबाइल नहीं बंद करेंगी. श्रीमती देवकी चंद्राकर सामाजिक और धार्मिक कार्यों से लगातार जुड़ी रही हैं. वह दुर्ग जिला चंद्राकार समाज की उपाध्यक्ष भी रही हैं. इसके अलावा वे इस गांव में तीन बार पंच रह चुकी हैं और एक बार उन्हें उपसरपंच बनने का अवसर मिला है.