Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


”स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको, भिलाई में ”उद्यमिता स्टार्ट-अप इकोसिस्टम“ विषय पर सात दिवसीय राष्ट्रीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का शुभारंभ“

भिलाई. असल बात news.   स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई में इंटरप्रेन्योरशिप एवं स्टार्ट-अप इकोसिस्टम विषय पर आयोजित...

Also Read




भिलाई.

असल बात news.  

स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई में इंटरप्रेन्योरशिप एवं स्टार्ट-अप इकोसिस्टम विषय पर आयोजित सात दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का उद्द्याटन समारोह श्री अग्रांशु द्विवेदी सीईओ निधि आईटीबीआईसीएसवीटीयू भिलाई के मुख्य आतिथ्य एवं वक्तव्य में संपन्न हुआ। कार्यक्रम एआईसीटीई ट्रैनिंग एण्ड लर्निंग (अटल) अकादमी (आल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन) नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित है। 

कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुये कार्यक्रम संयोजक प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा कि इसका उद्देश्य उच्च शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे फैकल्टी सदस्यों को उद्यमिता और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम से संबंधित नवीनतम, जानकारियां और अवसरों से अवगत कराना है। जिससे वे अपने विद्यार्थियों को स्टार्ट-अप इकोसिस्टम और उद्यमिता के बारे में जागरुक कर सकें और उन्हें इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित कर सकें।

श्री गंगाजली शिक्षण समिति, जुनवानी भिलाई के चेयरमैन श्री आई पी मिश्रा ने कार्यक्रम के आयोजन की शुभकामना दी व कहा कि स्वरुपानंद महाविद्यालय छत्तीसगढ़ का पहला महाविद्यालय है जिसे एआईसीटीई द्वारा कार्यक्रम आयोजित करने का अवसर प्राप्त हुआ। महाविद्यालय की स्थापना का बीसवां वर्ष है ऐसे समय में कार्यक्रम का आयोजन गर्व की बात है।

स्वरुपानंद महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा व शंकराचार्य कॉलेज ऑफ नर्सिंग महाविद्यालय की मुख्य कार्यकारिणी अधिकारी डॉ. मोनिषा शर्मा ने कार्यक्रम आयोजन के लिये बधाई दी। 

मुख्य अतिथि एवं प्रथम सत्र के वक्ता श्री अग्रांशु द्विवेदी सीईओ निधि आईटीबीआईसीएसवीटीयू भिलाई ने कार्यक्रम पर व्याख्यान देते हुये कहा स्टार्ट-अप के लिये पूॅंजी की व्यवस्था करना एक महत्वपूर्ण कदम है जो व्यवसाय को चलाने व बढ़ाने में सहायता करता है उन्होंने वेंचर कैपिटलिस्ट जो व्यवसाय प्रारंभ करने के लिये पूॅंजी लगाते है व बदले में इक्विटी लेते है एंजेल एन्वेस्टर्स जिनके पास पैसे होते है जो स्टार्ट-अप्स को फंडिंग करते है बदले में इक्विटी लेते है। फ्राउड फंडिंग जो स्टार्ट-अप को व्यवसाय की जानकारी प्रदान करने के साथ ही लोगों को निवेश के लिये प्रोत्साहित करते है साथ ही इंक्यूबेटर्स और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी व बताया आईडिया जानने से ही व्यवसाय प्रारंभ नहीं कर सकते अपितु नई सोच, स्किल की आवश्यकता होती है उन्होंने ओला का उदाहरण देते हुये बताया ओला स्वयं की कोई टैक्सी नहीं है पर अपने बिजनेस आईडिया के कारण करोड़ो रुपये कमा रहा है उसने सिर्फ कस्टमर और ड्राईवर को जोड़ने का कार्य किया। इस स्टार्ट-अप से हजारों लोगों को रोजगार मिलता है। एक कंपनी जब स्टार्ट-अप के लिये पंजीकृत हो जाता है तो उसका फायदा दस साल तक मिलता है। उन्होंने बाईजूस, फार्मदीदी, ओचो, नाईका, जरोहा, जोहा आदि स्टार्ट-अप कंपनी का उदाहरण देते हुये बताया कम समय में ही ये कंपनियॉं करोड़ो में मुनाफा कमाने वाली कंपनी बन गई है। नई स्टार्ट-अप में भारत का स्थान तीसरा है डेढ़ लाख से अधिक कंपनियां पंजीकृत है उन्होंने फंडिंग कहां से मिल सकता है की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया छत्तीसगढ़ में अनेक तरह की भाजियां मिलती है जो पोषक तत्वों से भरपूर है अगर हम इसे सुखाकर बेचे तो देश ही नही अपितु विदेशों में भी इसकी मांग बहुत अधिक है। श्री द्विवेदी ने स्टार्ट-अप प्रारंभ करने, फंडिंग बिजनेस आईडिया, ग्राहक सेवा आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

द्वितीय तकनीकी सत्र का प्रारंभ डॉ. बबीता दूबे सहायक निर्देशक उच्च शिक्षा विभाग नवा रायपुर के उद्बोधन से प्रारंभ हुआ उन्होंने स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के लिए एनईपी 2020 रोड मैप को फिर से डिजाईन करना विषय पर जानकारी दी व नई शिक्षा नीति की विशेषताओं को विस्तार से समझाते हुये कहा यह कौशलविकास पर आधारित है प्रत्येक विद्यार्थी की रुचि व क्षमता अलग होती है नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों की योग्यता व क्षमताओं को उभारने का प्रयास करती है। पहले हमारी शिक्षा प्रणाली सभी के लिये शिक्षा पर आधारित थी अब कौशल के विकास पर आधारित है। सभी प्रकार की सुविधा मिलने के बाद भी शाला त्यागी विद्यार्थियों की संख्या बढ़ते जा रही है। हमारी सनातनी गुरुकुल शिक्षा पद्धति में सभी बराबर थे सभी साथ में शिक्षा ग्रहण करते थे हमें वापस अपनी परंपरागत शिक्षा प्रणाली की और लौटना है। विद्यार्थी को अपनी भाषा में शिक्षा देने से वह शीघ्रता से सीखता है। उन्होंने बताया नई शिक्षा में औपचारिक और अनौपचारिक दोनों प्रकार की शिक्षा प्रणाली को शामिल किया गया है सरकारी, गैरसरकारी व एनजीओ को स्कूल बनाने के लिये प्रोत्साहित करना सभी विद्यार्थियों को स्कूल शिक्षा अनिवार्य हो जो विद्यार्थी शाला त्यागी है उसे वापस स्कूल तक लाने की बात कही। उन्होंने इंटरैक्टिव कक्षायें अनुभवात्मक शिक्षा, कौशल आधारित शिक्षा पर बल दिया व कहा हमें रटंत पद्धति को कम कर कौशल आधारित शिक्षा को अपनाना है व कक्षा को रोचक बनाना होगा।

कार्यक्रम के अंत में हेण्डस ऑन ट्रैनिंग के अंतर्गत उपस्थित प्रतिभागियों को छत्तीसगढ़ का परंपरागत गोदना आर्ट  अंचल की प्रसिद्ध कलाकार विनीता गुप्ता द्वारा सिखाया गया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में सहायक प्राध्यापक डॉ. शिवानी शर्मा, डॉ. रजनी मुदलियार, डॉ. सुनीता वर्मा, डॉ. मीना मिश्रा, श्रीमती खुशबू पाठक,डॉ. शमा ए बेग,  श्रीमती रुपाली खर्चे, डॉ. शर्मिला शमल, श्रीमती कमिनी वर्मा, श्री जमुना प्रसाद, योगिता लोखण्डे, श्रीमती श्रीलथा नायर,  श्रीमती एन. बबीता, श्रीमती मोनिका मेश्राम, संजना सोलोमन, समीक्षा मिश्रा,  श्री गोल्डी सिंग राजपूज ने किया।

आर्टिकल डिस्कशन एवं प्रश्नोत्तर सत्र का संचालन डॉ. शमा ए बेग विभागाध्यक्ष माईक्रोबायोलॉजी ने किया।

कार्यक्रम में मंच संचालन सहायक प्राध्यापक संयुक्ता पाढ़ी विभागाध्यक्ष अंग्रेजी, हितेश सोनवानी अंग्रेजी, ने किया।

फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम में. सीवी रमन विश्वविद्यालय बिलासपुर, अंजनेय विश्वविद्यालय, भिलाई इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दुर्ग, श्री शंकराचार्य इंस्टीटयूट ऑफ प्रोफेशनल मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, रायपुर, भिलाई प्रौद्योगिकी संस्थान, दुर्ग, सेठ आरसीएस आर्टस एवं कामर्स,दुर्ग, देव संस्कृति कॉलेज ऑफ एजुकेशन एण्ड टेक्नोलॉजी, खपरी दुर्ग,  सरकार राजमाता विजयाराजे सिंधिया कन्या  महाविद्यालय कवर्धा, श्री शंकराचार्य तकनीकी परिसर, भिलाई, श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्ससिटी, भिलाई, कलिंगा विश्वविद्यालय, रायपुर, स्वामी आत्मानंद सरकार इंग्लिश मॉडल कॉलेज, दुर्ग, सेंट थॉमस कॉलेज, भिलाई, कल्याण पीजी कॉलेज, भिलाई, शा.वीव्हायटीपीजी आटोनामस कॉलेज, दुर्ग, कृष्णा इंस्टीटयूट ऑफ साइंस एण्ड कामर्स कॉलेज, खम्हरिया, भिलाई, डॉ. सीवी रमन विश्वविद्यालय बिलासपुर, खालसा कॉलेज दुर्ग, शहीद दुर्वासा निषाद शासकीय कॉलेज, अर्जुन्दा, शा. स्वामी विवेकानंद कॉलेज, कबीरधाम, साई कॉलेज, भिलाई, घनश्याम सिंह आर्य कन्या कॉलेज, दुर्ग, उदय कॉलेज, जामुल, जीडीआरसीएसटी, भारतीय विश्वविद्यालय, भिलाई नायर समाजम कॉलेज, भिलाई, आईआईटी भिलाई इनोवेशन एण्ड टेक्नोलॉजी फाउंडेशन, श्री शंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी, भिलाई महिला महाविद्यालय, भिलाई के प्राध्यापक एवं शोधार्थी शामिल हुये।