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नये चीजों पर नई सोच के साथ स्टार्टअप करें”- प्रसन्ना आर (आईएएस)

  भिलाई. असल बात news   स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको भिलाई में एआईसीटीई नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित “एंटरप्रेन्योरशिप एवं...

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भिलाई.

असल बात news  

स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको भिलाई में एआईसीटीई नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित “एंटरप्रेन्योरशिप एवं स्टार्टअप इकोसिस्टम” विषय पर आयोजित एफडीपी के पंचम दिवस छत्तीसगढ़ शासन के उच्चशिक्षा विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर (आईएएस) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता गंगाजली शिक्षण समिति के चेयरमैन श्री आईपी मिश्रा ने की। कार्यक्रम में महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा एवं श्री शंकराचार्य नर्सिंग की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मोनिषा शर्मा तथा प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला उपस्थित हुई।

कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना एवं राजगीत से हुआ। अपने स्वागत भाषण में महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने हर्ष व्यक्त किया कि विभिन्न विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के शिक्षक एवं शोधार्थी इस कार्यक्रम से प्राप्त व्यवहारिक ज्ञान से अपनी शिक्षण संस्थाओ स्टार्ट-अप एवं एंटरप्रेन्योरशिप को नई दिशा दे सकते है महाविद्यालय के लिए यह गौरवशाली क्षण है कि कार्यक्रम में मुख्य सचिव उच्चशिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन श्री प्रसन्ना आर (आईएएस) हमारे बीच उपस्थित है।

अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में मुख्य अतिथि श्री प्रसन्ना आर (आईएएस), सचिव महोदय ने कहा जो मेहनत करता है वह सफल अवश्य होता है हमें विकसित होना है। आर्थिक विकास के लिए मानव संसाधन व जीडीपी का ग्रोथ आवश्यक है। हर व्यक्ति सरकारी या निजी नौकरी चाहता है व्यवसायी बनना नहीं चाहता। हमें नौकरी एवं व्यवसाय के बीच की दूरी को कम करना होगा। छ.ग. प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है। पानी, बिजली खनिज संसाधन पर्याप्त मात्रा में होने के बावजूद छ.ग. का आर्थिक विकास नहीं हो पाया है। अगर छ.ग. को विकसित करना है तो स्टार्टअप प्रारंभ करना आवश्यक है उन्होंने कहा युवाओं का भविष्य शिक्षकों के हाथ में है वही विद्यार्थियों को उद्यमी बनने के लिये प्रेरित कर सकते है उन्होंने उदाहरण देते हुये बताया जब हम साईकिल चलाना सीखते है तो कई बार गिरते है। पर अंततः सीख जाते हैं। नये व्यवसाय में कई बार असफल होते हैं पर नवाचार, सोच और मेहनत से सफलता जरूर मिलती है उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अमिताभ बच्चन को ऑल इंडिया रेडियों ने उनकी आवाज के कारण रिजेक्ट कर दिया था। आज संपूर्ण भारत में उसकी पहचान उनके आवाज के कारण ही है उन्होंने कड़ी मेहनत, बाजार की पहचान और अनुशासन को सफल होने के लिये महत्वपूर्ण बताया उन्होंने उद्योगपतियों को बुलाकर स्टार्टअप प्रारंभ करने के लिये प्रेरित करने की बात कही व कहा उनके अनुभव से विद्यार्थी व्यवसाय की बारीकियों को सीख सकते है।

आर प्रसन्ना ने नई सोच नई आईडिया के साथ कम बजट में स्टार्ट-अप करने की बात कहते हुए कहा हमें आचार, पापड़, मशरूम, महुआ लड्डू, की सोच से ऊपर उठाना होगा अगर महुआ, सल्फी को  एनर्जी ड्रिंक के रूप में परिवर्तित कर पाए तो वैश्विक बाजार में इसकी बहुत मांग है। 

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में श्री आईपीमिश्रा ने कहा स्वरूपानंद महाविद्यालय छ.ग. का पहला निजी महाविद्यालय है जिसे एआईसीटीई ट्रेनिंग एंड लर्निंग अकैडमी न्यू दिल्ली, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम आयोजित करने का मौका मिला है उन्होंने श्री गंगाजली शिक्षण समिति के शिक्षण यात्रा की जानकारी दी व बताया संस्था के शिक्षण संस्थान खोलने का मुख्य उद्देश्य सभी के लिये शिक्षा उपलब्ध कराना है क्योकि शिक्षा से ही ज्ञान की प्राप्ति होती है। और ज्ञान से मोक्ष की प्राप्ति होती है। भारत अपने युवाशक्ति और प्रतिभा के लिये जाना जाता है अगर हमारे युवाओं को स्टार्ट-अप खोलने के लिये प्रेरित करें तो आने वाला समय भारत का होना व हम इसे विकसित भारत के रूप में देखेंगें।

कार्यक्रम में मंच संचालन सहायक प्राध्यापक संयुक्ता पाढ़ी विभागाध्यक्ष अंग्रेजी ने किया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यक्रम की सह संयोजक डॉ. शिवानी शर्मा व् आयोजन समिति सदस्य डॉ. रजनी मुदलियार, डॉ. सुनीता वर्मा, डॉ. मीना मिश्रा, श्रीमती खुशबू पाठक, श्रीमती रुपाली खर्चे, डॉ. शमा ए बेग, श्रीमती एन. बबीता, डॉ. शर्मिला सामल, श्रीमती कमिनी वर्मा, हितेश सोनवानी, श्री जमुना प्रसाद, योगिता लोखण्डे, श्रीमती श्रीलथा नायर, श्रीमती मोनिका मेश्राम, संजना सोलोमन, समीक्षा मिश्रा ने विशेष योगदान दिया। 

फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम में अंजनेय विश्वविद्यालय, भिलाई इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दुर्ग, श्री शंकराचार्य इंस्टीटयूट ऑफ प्रोफेशनल मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, रायपुर, भिलाई प्रौद्योगिकी संस्थान, दुर्ग, सेठ आरसीएस आर्टस एवं कामर्स महाविद्यालय दुर्ग, देव संस्कृति कॉलेज ऑफ एजुकेशन एण्ड टेक्नोलॉजी खपरी दुर्ग, शासकीय जे योगानंद छतीसगढ़ महाविद्यालय रायपुर, शासकीय राजमाता विजयाराजे सिंधिया कन्या महाविद्यालय कवर्धा, श्री शंकराचार्य तकनीकी परिसर, भिलाई, श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्ससिटी, भिलाई, कलिंगा विश्वविद्यालय, रायपुर, स्वामी आत्मानंद शासकीय इंग्लिश मीडियम मॉडल महाविद्यालय, धनोरा, सेंट थॉमस महाविद्यालय, भिलाई, कल्याण पीजी महाविद्यालय, भिलाई, शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग, कृष्णा इंस्टीटयूट ऑफ साइंस एण्ड कामर्स महाविद्यालय, खम्हरिया, भिलाई, डॉ. सीवी रमन विश्वविद्यालय बिलासपुर, खालसा महाविद्यालय दुर्ग, शहीद दुर्वासा निषाद शासकीय महाविद्यालय अर्जुन्दा, शासकीय स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय, कबीरधाम, साई महाविद्यालय, भिलाई, घनश्याम सिंह आर्य कन्या महाविद्यालय, दुर्ग, उदय महाविद्यालय, जामुल, जीडीआरसीएसटी, भारतीय विश्वविद्यालय, भिलाई नायर समाजम महाविद्यालय, भिलाई, आईआईटी भिलाई श्री शंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी भिलाई, भिलाई महिला महाविद्यालय, भिलाई के प्राध्यापक एवं शोधार्थी शामिल हुये।