Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


सुप्रीम कोर्ट से पूर्व महाधिवक्ता सतीशचंद्र को राहत, मिली अग्रिम जमानत

  नई दिल्ली।  छत्तीसगढ़ के पूर्व महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा को बड़ी राहत मिली है. नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाले से जुड़े मामले में सुप्रीम...

Also Read

 नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के पूर्व महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा को बड़ी राहत मिली है. नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाले से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा को नियमित जमानत दे दी है. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया. सतीशचंद्र वर्मा पर आरोप था कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए नान घोटाले के मुख्य आरोपियों, अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला को जमानत दिलाने में मदद की. इससे पहले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने सतीशचंद्र वर्मा की जमानत का विरोध किया. हालांकि न्यायमूर्ति नाथ ने कहा, “हमने प्रस्तुत वाट्सएप चैट को पढ़ा है, इसमें कोई भी ऐसा शब्द नहीं है, जिससे नान के आरोपियों को लाभ मिला हो, क्योंकि उनकी जमानत पहले ही हो चुकी थी.”



राज्य सरकार के वकील को लगाई फटकार

न्यायालय ने राज्य सरकार के वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि यदि वे अधिक बहस करेंगे तो अदालत शासन के खिलाफ टिप्पणी करने पर मजबूर हो जाएगी. इस पर राज्य सरकार के वकील ने कहा कि वे एक सप्ताह तक वर्मा की गिरफ्तारी नहीं करेंगे. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा को नियमित जमानत प्रदान करने का आदेश जारी किया.

सुप्रीम कोर्ट ने आरोपों को नहीं माना पर्याप्त

यह मामला तब सामने आया था, जब आयकर विभाग ने सतीशचंद्र वर्मा और नान घोटाले के आरोपियों के बीच व्हाट्सएप चैट बरामद की. इसमें आरोप लगाया गया कि वर्मा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आरोपियों को जमानत दिलाने में मदद की. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इन आरोपों को पर्याप्त नहीं माना और वर्मा को राहत दी.