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वनस्पत्ति विभाग के छात्रों ने छातागढ़ में किया एथनोबोटैनिकल अध्य्यन

  भिलाई. असल बात news.   स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय वनस्पत्तिशास्त्र विभाग द्वारा शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया। विद्यार्...

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भिलाई.

असल बात news.  

स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय वनस्पत्तिशास्त्र विभाग द्वारा शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों ने छातागढ़ दुर्ग में स्थित विभिन्न पौधों के धार्मिक, औषधीय पौधों के उपयोग उनकी पहचान उनके उपयोग से संबंधित सांस्कृतिक प्रथाओं और परंपरागत ज्ञान का वैज्ञानिक अध्य्यन किया।

डा. नीना बागची विभागाध्यक्ष वनस्पत्तिशास्त्र ने बताया जनजातियों को स्थानीय पौधे उनके चिकित्सा में उपयोग की जानकारी होती है वे इस ज्ञान को परंपरागत रूप से एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी में पहुँचाते है। इससे ज्ञान का दस्तावेज या लिखित रूप न होने से समाप्त होने का खतरा बना रहता है। छात्रों को पौधों से संबंधित महत्वपूर्ण ज्ञान से अवगत करा इस धरोहर को सुरक्षित रखने का प्रयास करना है।

छातागढ़ मंदिर के पूजारी श्री सोन सिंह राजपूत ने छातागढ़ मंदिर के एतिहासिक व पुरातत्व महत्व से अवगत कराया एवं नीम, गिलोय, तुलसी अमरबेल, पीपल, अशोक आदि के औषधीय गुण बताया। विद्यार्थियों ने भ्रमण के दौरान गौशाला एवं बायोगैस प्रणाली का अध्य्यन किया व जाना कैसे हम गोबर के गैस से बनी ऊर्जा का प्रयोग कर सकते है इससे पर्यावरण को बिना हानि पहुँचाये कृषि कचरे का सुनियोजित तरीके से निपटारा हो जाता है।

इस अध्य्यन में विद्यार्थियों ने पौधों के जैविक विशेषताओं के साथ विभिन्न संस्कृतियों में पौधों का प्रयोग कैसे किया जाता है, स्थानीय लोगों के लिये उनका औषधीय व धार्मिक महत्व को जाना इससे पारंपरिक ज्ञान का वैज्ञानिक अनुसंधानों में कैसे प्रयोग किया जा सकता है।

महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने कहा एथनोबोटैनिकल भ्रमण से विद्यार्थियों को विभिन्न समुदायों में पौधों का उपयोग चिकित्सा व सांस्कृतिक परंपराओं में कैसे किया जाता है इसकी जानकारी प्राप्त होगी जो पारंपरिक औषधीय ज्ञान से आधुनिक दवाओं के अनुसंधान में सहायक होगा।

प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने वनस्पत्ति विभाग की सराहना की व कहा पौधे खाद्य और औषधीय महत्व के ही नहीं है अपितु परिस्थितिकीय संतुलन बनाये रखने में सहायक है विद्यार्थी जान पायेंगे एक ही पौधों का विभिन्न संस्कृतियों में क्या महत्व है वे पारंपरिक ज्ञान को विलुप्त होने से बचा पायेंगें।

इस अवसर पर विद्यार्थियों ने विभिन्न पौधो का संग्रहण व अध्य्यन किया सांस्कृतिक व औषधीय महत्व के बारे में जानकारी प्राप्त की व ग्रामिणों का सर्वे कर सर्वे फार्म भरा। शैक्षणिक भ्रमण में विज्ञान संकाय के विद्यार्थी व प्राध्यपक शामिल हुए।