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ऐसी उम्मीदवार जो तीन बार अलग-अलग वार्डो से लड़ी और जीती,चौथी बार फिर से,नए वार्ड से चुनाव मैदान में, इस बार भी जीतने का भरोसा

दुर्ग . असल बात न्यूज़.  यह वह उम्मीदवार है,जो एक बार राजनीतिक दल से संबद्ध होकर चुनाव लड़ी थी,लेकिन उसके बाद अब लगातार निर्दलीय होकर चुनाव ...

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दुर्ग .

असल बात न्यूज़. 

यह वह उम्मीदवार है,जो एक बार राजनीतिक दल से संबद्ध होकर चुनाव लड़ी थी,लेकिन उसके बाद अब लगातार निर्दलीय होकर चुनाव लड़ रही हैं और जीत हासिल की है. सबसे अधिक मजेदार बात यह है कि उन्हें,हर बार अलग-अलग वार्डो से चुनाव मैदान में उतरना पड़ा हैं.लेकिन, तब भी, स्थानीय मतदाताओ ने, उन्हें पसंद किया,सहयोग किया और जीत दिलाई है.इस बार वे फिर पार्षद  पद के लिए चुनाव लड़ रही हैं और इस बार भी उनका वार्ड बदल गया है. अभी वे जिस वार्ड से पार्षद रही हैं,वहां से वे चुनाव मैदान में नहीं उतर सकी हैं. वह वार्ड दूसरे वर्ग के लिए सुरक्षित हो गया है इसलिए उन्हें दूसरे वार्ड से चुनाव लडना पड़ रहा है. इस तरह से इस बार वे फिर नए वार्ड से पार्षद पद की प्रत्याशी हैं अब यहां भी उन्हें जीत का पक्का भरोसा है.

यह बात हो रही है अधिवक्ता नीता जैन की.जोकि अभी यहां मिलपारा से निर्दलीय पार्षद रही हैं.वे इस बार भी अलग,यानी नए वार्ड से चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमा रही हैं.वे श्री वीर लंगूर मंदिर वार्ड आपापुरा वार्ड से पार्षद पद के लिए चुनाव मैदान में है.वे बताती हैं कि परिसीमन की वजह से बार-बार उनका वार्ड,दूसरे वार्ड में शिफ्ट हो जाता रहा है. अथवा आरक्षण की वजह से उन्हें दूसरे वार्ड से चुनाव लड़ना पड़ा है. वे अब तक तीन बार पार्षद रह चुकी हैं. लेकिन हर बार उन्हें अलग-अलग वार्ड से चुनाव लड़ना पड़ा है.सभी वार्ड के लोगों ने चुनाव में उनका सहयोग किया और हर बार उन्हें ही जीत मिली है.

 नीता जैन कहती है, पार्षद चुनाव में स्थानीय मुद्दे होते हैं.आम लोगों की कई सारी समस्याएं होती हैं जिसका वे अपने पार्षद से निराकरण चाहते हैं. उन्होंने,इस काम को बखूबी करने की कोशिश की है.जिसकी वजह से ही उन्हें हर जगह आमदाताओं का सहयोग मिल सका है.अब लोगों में जागरूकता गई है.लोग,उसे ही अपना पार्षद चुनना चाहते हैं जोकि उनके सुख- दुख में काम आ सके. अन्यथा मतदाता, उम्मीद पर खड़े नहीं उतरने वाले पार्षद प्रत्याशी को न करने से भी चूकते नहीं  हैं.

नीता जैन सबसे पहले दुर्ग नगर निगम के अंतर्गत आने वाले डिबरापारा से पार्षद रही. परिसीमन के बाद उनके क्षेत्र कचहरी वार्ड में आ गया तो वह यहां से चुनाव लड़ी और उन्हें यहां से भी जीत हासिल हुई. पिछली बार वे मिल पारा से चुनाव लड़ी,जहां भी लोगों ने उन्हें ही चुनाव में जिताया. उन्होंने बताया कि डिबरापारा में जब वे चुनाव लड़ी थी तो उसके पहले,उस मोहल्ले के निवासियों के हितों के लिए उन्होंने संघर्ष किया. तब डिबरापारा में किसी के घर में भी एक बत्ती विद्युत कनेक्शन नहीं मिला था. उनकी लोगों से बात हुई है,उन लोगों ने अपनी समस्याएं बताई तो उन्होंने ही इस समस्या का निराकरण किया था. तब वह, वहां से चुनाव लड़ी तो लोगों का भी उन्हें भरपूर सहयोग मिला. उन्होंने मिलपारा में महावीर कॉलोनी,खंडेलवाल कॉलोनी, ऋषभ नगर में डामरीकरण सीमेंट्री कारण के साथ वार्ड के प्रत्येक घर में अमृत मिशन योजना के तहत हर घरों में नल कनेक्शन पहुंचाने की कोशिश की है.

 इस बार वे फिर, नए वार्ड से चुनाव लड़ रही हैं. यहां दोनों मुख्य राजनीतिक दलों के प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में है. लेकिन जनता से मिल रहे सहयोग को देखते हुए उनके हौसले बुलंद है.