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स्वरूपानंद महाविद्यालय में "पौधों से प्राप्त मेटाबोलाइट्स : नवीन सक्रिय यौगिकों के भविष्य के स्रोत" विषय पर सात दिवसीय हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग का आयोजन

भिलाई. असल बात news.  स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई के सूक्ष्मजीवविज्ञान एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा माइक्र...

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भिलाई.

असल बात news. 

स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई के सूक्ष्मजीवविज्ञान एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसायटी इंडिया एवं बायोइन्नोवेल लाइफ साइंस, बेंगलुरु के सहयोग से सात दिवसीय हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग "पौधों से प्राप्त मेटाबोलाइट्स : नवीन सक्रिय यौगिकों के भविष्य के स्रोत" विषय पर आयोजित की गई। हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग का उद्देश्य पादप-आधारित मेटाबोलाइट्स उत्पादों की जैविक सक्रियता, चिकित्सा एवं फार्मास्युटिकल उद्योग में उनके संभावित अनुप्रयोगों को समझाना था।  

हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग के समापन समारोह में डॉ. वी. शांति, विभागाध्यक्ष, जैव प्रौद्योगिकी एवं सूक्ष्मजीवविज्ञान, सेंट थॉमस कॉलेज, विशेष वक्ता के रूप में उपस्थित रहीं। उन्होंने "पादप-आधारित नैनोकणों का हरित संश्लेषण" विषय पर अपने ज्ञान और शोध कार्यों को साझा किया। उन्होंने छात्रों को नैनोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में शोध करने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया।  

हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग की संयोजिका एवं सूक्ष्मजीवविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शमा ए. बेग ने सात दिवसीय कार्यशाला का सार प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस दौरान विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रकार के पौधों से मेटाबोलाइट्स उत्पादों के निष्कर्षण, उनके जैविक परीक्षण एवं उनकी औषधीय क्षमताओं के बारे में प्रयोगात्मक ज्ञान प्राप्त किया।  

महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा एवं श्री शंकराचार्य नर्सिंग महाविद्यालय की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मोनिषा शर्मा ने हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग की सफलता की सराहना करते हुए विज्ञान एवं अनुसंधान के क्षेत्र में इसके महत्व को रेखांकित किया। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने अपने विचार साझा करते हुए हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग के सफल आयोजन के लिए संपूर्ण टीम को बधाई दी और कहा कि इस तरह के कार्यक्रम विद्यार्थियों के अकादमिक और अनुसंधान कौशल को विकसित करने में सहायक सिद्ध होते हैं। उन्होंने भविष्य में भी इस तरह के नवाचारपूर्ण हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग के आयोजन की आवश्यकता पर बल दिया।  

बायोइन्नोवेल लाइफ साइंस, बेंगलुरु के निदेशक एवं हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग के प्रशिक्षक, श्री देवाशीष साहू ने अपने अनुभव साझा किए और छात्रों को अनुसंधान क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने जैव प्रौद्योगिकी और सूक्ष्मजीवविज्ञान के क्षेत्र में नए अवसरों पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को नवीनतम तकनीकों से अवगत कराया।  

हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग की सहसंयोजिका एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शिवानी शर्मा ने भी अपने विचार रखते हुए विद्यार्थियों को अनुसंधान के प्रति उत्साहित किया।

हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग के सफल समापन पर प्रतिभागियों को मूल्यांकन के आधार पर प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इस अवसर पर सुश्री योगिता लोखंडे स.प्रा., सूक्ष्मजीवविज्ञान सुश्री संजना सोलोमन स.प्रा., जैव प्रौद्योगिकी, सुश्री समीक्षा मिश्रा स.प्रा., सूक्ष्मजीवविज्ञान एवं सुश्री निकिता देवांगन स.प्रा. जैव प्रौद्योगिकी ने आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।  

हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग का समापन एक ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक अनुभव के साथ हुआ, जिसमें विद्यार्थियों को वैज्ञानिक अनुसंधान के नवीन पहलुओं से परिचित होने का अवसर मिला। हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग ने प्रतिभागियों को न केवल जैव प्रौद्योगिकी और सूक्ष्मजीवविज्ञान के क्षेत्र में नई तकनीकों से अवगत कराया, बल्कि उनमें अनुसंधान एवं नवाचार की भावना को भी प्रबल किया। हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग में देशभर से प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें विशेष रूप से गांधी नगर (गुजरात), हजारीबाग और राजकोट से जुड़े छात्रों ने ऑनलाइन माध्यम से सहभागिता की।