कवर्धा,असल बात कवर्धा, कबीरधाम जिले में सहकारिता के विस्तार और सहकारी समितियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से जिला विकास सहकारी समिति की बैठ...
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कवर्धा, कबीरधाम जिले में सहकारिता के विस्तार और सहकारी समितियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से जिला विकास सहकारी समिति की बैठक आज कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा की अध्यक्षता में जिला सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में सहकारिता से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और समितियों के विस्तार को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने बैठक में सभी संबंधित अधिकारियों और सहकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को निर्देशित किया कि वे सहकारिता को ग्रामीण विकास का मुख्य आधार बनाते हुए योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सहकारिता ही सशक्तिकरण का आधार है और इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी। बैठक में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के तहत जिले में प्रस्तावित गतिविधियों पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में बताया गया है कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया गया है, जिसके तहत सहकारिता के क्षेत्र में विभिन्न नवाचारों और विकास योजनाओं को लागू करने की योजना बनाई गई है। राज्य स्तर पर अपर मुख्य सचिव सहकारिता की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुरूप जिला स्तर पर वार्षिक सहकारिता गतिविधियों का कैलेंडर तैयार किया गया है। इन गतिविधियों को पंचायत एवं ग्रामीण विकास, कृषि, पशुपालन, मत्स्य, वन, शिक्षा जैसे विभिन्न विभागों के आपसी समन्वय से लागू किया जाएगा। बैठक में संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए कि वे सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त रूप से कार्यक्रम आयोजित करें और सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य सुनिश्चित करें। इसके साथ ही, ‘सहकार से समृद्धि’ योजना के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत में बहुउद्देशीय पैक्स, दुग्ध और मत्स्य सहकारी समितियों के गठन की योजना पर भी चर्चा की गई। भारत सरकार ने आगामी पांच वर्षों में प्रत्येक पंचायत में इस तरह की समितियों के गठन का निर्णय लिया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इस दिशा में पशुपालन विभाग द्वारा समितिविहीन पंचायतों में दुधारू पशुओं का सर्वेक्षण कर चार पंचायतों में दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के गठन का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। बैठक में सेवा सहकारी समितियों को विकसित करने का भी अनुमोदन कलेक्टर श्री वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जिले के लक्ष्मी दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित सहसपुर लोहारा, नटखट दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित पलानसरी, श्री गोविंदम दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित जिंदा और सुरभि दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित, अंधियारखोर के गठन के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान किया गया। इसके साथ ही, इन समितियों के पंजीयन की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए गए। बैठक में जिले में मॉडल पैक्स के रूप में दो प्राथमिक सेवा सहकारी समितियों को विकसित करने का भी अनुमोदन किया गया। इसमें प्राथमिक सेवा सहकारी समिति मर्या, पिपरिया और प्राथमिक सेवा सहकारी समिति मर्या, वीरेंद्रनगर को मॉडल पैक्स के रूप में चयनित किया गया है। ये समितियां अन्य सहकारी संस्थानों के लिए आदर्श रूप में कार्य करेंगी और सहकारिता क्षेत्र में नए मानक स्थापित करेंगी। बैठक में फसल उपार्जन से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए। छत्तीसगढ़ शासन के कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत अरहर, मूंग, उड़द, मूंगफली, सोयाबीन, चना, मसूर और सरसों जैसी फसलों का समर्थन मूल्य पर उपार्जन प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से किया जाएगा। जिले में 22 समितियों का चयन कर लिया गया है, जो इस कार्य में संलग्न रहेंगी। बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि किसानों को फसल उपार्जन प्रक्रिया की पूरी जानकारी दी जाए, ताकि वे अपनी उपज का उचित लाभ प्राप्त कर सकें। बैठक में अतिरिक्त कलेक्टर डॉ. मोनिका कौडों, उप आयुक्त एवं उप पंजीयक सहकारिता श्री सतीश पाटले, उप संचालक कृषि श्री अमित मोहंती, सहायक संचालक मत्स्यपालन श्री आर.डी. सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, डी.डी.एम. नाबार्ड, जिला विपणन अधिकारी, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ रायपुर के प्रतिनिधि, राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड के प्रतिनिधि सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं सहकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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