विधायक डोमनलाल कोरसेवाडा ने दुर्ग व भिलाई क्षेत्र में उद्योगों द्वारा वायु प्रदूषण फैलाने के संबंध में विधानसभा में उठाया सवाल रायपुर . अ...
विधायक डोमनलाल कोरसेवाडा ने दुर्ग व भिलाई क्षेत्र में उद्योगों द्वारा वायु प्रदूषण फैलाने के संबंध में विधानसभा में उठाया सवाल
रायपुर .
असल बात न्यूज़.
केमिकल प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों ने विभाग के परीक्षण और जांच में शिकायतों को सही पाए जाने के बाद भी निर्धारित पेनल्टी की राशि जमा नहीं की होगी तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. आवास एवं पर्यावरण मंत्री की ओर से विधानसभा में आज इस आशय का आश्वासन दिया गया है. सदस्य डोमन लाल कोरसेवाडा ने विधानसभा में आज संबंध में प्रश्न करते हुए मुद्दा उठाया था कि शिवनाथ नदी में विभिन्न उद्योगों के द्वारा अभी भी केमिकल प्रदूषण फैलाई जा रहा है. इसे रोकने के लिए क्या व्यवस्था की गई है. आवास एवं पर्यावरण विभाग की ओर से मंत्री जायसवाल ने इस पर जवाब देते हुए उक्त उत्तर दिया है. इस पर वरिष्ठ सदस्य भूपेश बघेल ने भी प्रश्न उठाते हुए कहा कि केमिकल प्रदूषित पानी, नदियों में आज भी जा रहा है. इसकी जांच के लिए विधायक के नेतृत्व में समिति बना देनी चाहिए. तो मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहां कि आप तो मुख्यमंत्री रहे हैं और वह आपका क्षेत्र भी रहा है, यह प्रदूषण रोकने के लिए सारे उपाय तो आपको कर लेना चाहिए था.
सदन मैं सदस्य डोमेनलाल पोरसा वादा ने इस मुद्दे को उठाते हुए प्रश्न पूछा की भलाई क्षेत्र में बड़े मझौल एवं सूचना स्टार के कितने कितने उद्योग संचालित हैं इसमें केमिकल या उससे जुड़े उत्पाद बनाने वाले कितने उद्योग हैं.? क्या इन उद्योगों की स्थापना से जमीन एवं भूजल में वायु प्रदूषण बड़ा है. इस संबंध में क्या कभी कोई जांच कराई गई है. वर्ष 2024 25 में किसकी जांच कब हुई और जांच के बाद क्या कार्रवाई हुई है. अब प्रदूषण को रोकने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा रहे हैं.
विभागीय मंत्री ओपी चौधरी ने इस पर लिखित में उत्तर देते हुए बताया है कि दुर्ग एवं भिलाई क्षेत्र में बड़े मझौल श्रेणी के 63 एवं लघु श्रेणी के 1017 उद्योग संचालित है इनमें केमिकल या उससे जुड़े उत्पाद बनाने वाले बड़े मझोले श्रेणी के उद्योगों की संख्या दो तथा लघु श्रेणी के उद्योगों की संख्या 28 है. विभागीय मंत्री ने इससे इनकार कर दिया है कि उद्योगों से जमीन एवं भूजल में वायु प्रदूषण बड़ा है. क्षेत्र में चार भूजल स्रोतों के जल नमूने एकत्र कर विश्लेषण कार्य किया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि विश्लेषण परिणाम निर्धारित मानक के अनुरूप पाए गए हैं. कृषि भूमि पर प्रदूषण करने के संबंध में कृषि विभाग जिला दुर्ग से प्राप्त जानकारी अनुसार उद्योगों से जमीन एवं भूजल में प्रदूषण बढ़ने संबंधित कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है. जिस जमीन हम भोजन में प्रदूषण बढ़ने की पुष्टि नहीं होती है.
विभागीय मंत्री गौर से लिखित उत्तर में यह भी बताया गया कि मंडल द्वारा दुर्ग भिलाई क्षेत्र में नेशनल एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम के तहत चार स्थलों पर परिवेशी वायु गुणवत्ता मापन कार्य किया जाता है. वर्ष 2024 में किए गए मापन कार्य में बाय गुणवत्ता वार्षिक औसत परिणाम मानक के अनुरूप पे गया है. दुर्ग भिलाई क्षेत्र में वायु प्रदूषण बढ़ने की पुष्टि नहीं होती है. विभागीय मंत्री ने यह जरूर बताया है कि केमिकल या उसे जुड़े उत्पाद बनाने वाले उद्योगों की वर्ष 2024-25 में की गई जांच तथा उल्लंघन पाए जाने पर कार्रवाई की गई है. प्रदूषण को रोकने के लिए किए गए उपाय के बारे में उन्होंने बताया है कि वायु प्रदूषण के नियंत्रित हेतु उद्योगों की प्रकृति के अनुभव को वायु प्रदूषण नियंत्रण उपकरण यथा इएससी, बाग फिल्टर डस्ट कलेक्टर वेट स्क्रबर की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है तथा जल प्रदूषण पर नियंत्रण हेतु एटीपी न्यूट्रलाइजेशन सह शेड्लिंग टैंक की व्यवस्था की गई है.
विभागीय मंत्री ने अपने लिखित उत्तर में यह भी बताया है की मेसर्स अर्पण कार्बन जेवरा, कोलकाता टायर प्रोडक्ट्स औद्योगिक क्षेत्र भिलाई, श्याम केमिकल्स, नगरी केमिकल्स एंड स्टार प्रोडक्ट, जया हाउसहोल्ड प्रोडक्ट्स, इंडियन पेट्रोल कॉल प्रोडक्ट औद्योगिक क्षेत्र भिलाई, कुसुम में केमिकल से प्राइवेट लिमिटेड, स्वर्ण होम केयर प्रोडक्ट्स, रेजिडेंट केमिकल कंपनी, लॉयड टार प्रोडक्ट, एमपी टार प्रोडक्ट्स, मेसर्स टेपिस केम प्राइवेट लिमिटेड, मै. एस एस इंडस्ट्रीज, मै. उत्कल हाइड्रोकार्बन, मै. कोल कैम प्लांट, मेसर्स शंकर केमिकल्स एंड ट्रेडिंग कंपनी, मेसर्स जी एन इंडस्ट्रीज हल्का उद्योग क्षेत्र भिलाई, जे एस ऑयल कंपनी, स्टार एक्स स्टार प्राइवेट लिमिटेड, और विष्णु केमिकल लिमिटेड के विरुद्ध वर्ष 2024 25 में जांच की गई तथा उल्लंघन पाए जाने पर कार्रवाई की गई है.