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स्वरूपानंद महाविद्यालय में ग्रीन ऑडिट कमेटी द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए विविध कार्यक्रम का आयोजन

  भिलाई  . असल बात न्यूज़. स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के ग्रीन ऑडिट कमेटी द्वारा गौरैया दिवस, विश्व जल दिवस, और इंटरनेशनल फॉ...

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भिलाई  .

असल बात न्यूज़.

स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के ग्रीन ऑडिट कमेटी द्वारा गौरैया दिवस, विश्व जल दिवस, और इंटरनेशनल फॉरेस्ट डे के अवसर पर तीन दिवसीय कविता, पोस्टर एवं स्लोगन कार्यक्रम का आयोजन किया गया

कार्यक्रम प्रभारी श्रीमती जया तिवारी विभागाध्यक्ष जंतु विज्ञान ने बताया पशु-पक्षी प्रकृति के अनमोल धरोहर है तो जल जीवन का आधार है व् जंगल पर्यावरण संतुलन को बनाये रखने के लिए आवश्यक है पर्यावरण के प्रति चेतना जागृत करने के उद्देश्य से ग्रीन ऑडिट कमिटी के द्वारा विविध कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसे विद्यार्थी पर्यावरण के महत्व को समझ सकें।

श्री शंकराचार्य शिक्षण परिसर, हुडको के निदेशक डॉ. दीपक शर्मा व डॉ. मोनिशा शर्मा ने कार्यक्रम आयोजन की सराहना की। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा बढ़ते पर्यावरण प्रदुषण के कारण वन जीव-जंतु विलुप्ति के कगार पर है उसमे एक गौरेया भी है। पेड़-पौधे काटने के कारण जल स्तर कम होते जा रहा है जंगल काटे जा रहे है इससे वैश्विक उष्णता बढती जा रही है। इस प्रकार के आयोजन से विद्यार्थी अपने पर्यावरण के प्रति सचेत होते है।

गौरैया दिवस के अवसर पर महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने कविता लेखन कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने गौरैया के महत्व और उनके संरक्षण के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किए। डॉ शमा ए बेग विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी ने अपनी कविता में गौरैया के विलुप्त होने से पहले उन्हें बचाने का आह्वान किया। छात्रा मरीना ने अपनी कविता में कहा कि गौरैया की आवाज जीवन में उत्साह भरती है और उनकी हवा में सवारी हमारे सपनों को पंख देती है। वैशाली तिवारी ने अपनी कविता में बताया कि गौरैया के न दिखाई देने पर प्रकृति में सुनापन प्रतीत होता है। प्रज्ञा भगत ने भी गौरैया की संख्या में कमी से जगत में सुनापन होने के संदर्भ में विचार व्यक्त किए।

विश्व जल दिवस के अवसर पर महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने स्लोगन लेखन कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने जल संरक्षण के महत्व और इसके संरक्षण के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किए। हर्षिता पोहाने ने लिखा, "हमें कल के लिए जल को बचाना होगा।" गायत्री मेहर ने लिखा, "जल ही जीवन है, इसलिए इसका बुद्धिमतापूर्वक उपयोग करें।" प्रकाश पटेल ने लिखा, "पानी जीवन की निशानी है, इसे बर्बाद करने की नादानी न करें।"

इंटरनेशनल फॉरेस्ट डे के अवसर पर महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने पेंटिंग और विचार लेखन कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने जंगलों के महत्व और उनके संरक्षण के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किए। नंदिनी ने इंपॉर्टेंस ऑफ फूड एंड फॉरेस्ट पर विचार प्रस्तुत करते हुए लिखा कि फॉरेस्ट बायोडायवर्सिटी, क्लाइमेट रेगुलेशन, सॉइल हेल्थ, वाटर साइकिल एवं फूड सिक्योरिटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। चंदन कुमार ने लिखा कि जंगल नहीं रहेंगे तो वातावरण में ऑक्सीजन की कमी हो जाएगी, जिससे जीवन कठिन हो जाएगा। संतोषी रावते ने विचार व्यक्त किया जंगलों से हमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बहुत सी महत्वपूर्ण एवं स्वास्थ्यवर्धक सामग्री प्राप्त होती हैं। रिदा परवीन ने जंगल हमारे भविष्य के लिए भोजन सुरक्षित करते हैं एवं महत्वपूर्ण तरीके से धरती को उर्वरता प्रदान करते हैं इसलिए हमें जंगलों को बचाना ताकि हम अपना भविष्य सुरक्षित रख सकें कहा। बीएससी द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा अमृता सिकदार ने जंगल के महत्व एवं उसके काटने के बाद पड़ने वाले हानिकारक पर्यावरणीय प्रभाव पर सुंदर पेंटिंग प्रस्तुत की। कार्यक्रम में विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों ने सक्रिय भाग लिया।