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विधायक गजेन्द्र यादव ने सदन में उठाया नलघर और गंजपारा काम्प्लेक्स का मुद्दा, उपमुख्यमंत्री ने शीघ्र दुकान नीलाम कराने दिया आश्वासन

दुर्ग,असल बात दुर्ग। दुर्ग नगर निगम सहित प्रदेश के विभिन्न निगमो में व्यावसायिक परिसरों के आबंटन नहीं किए जाने के संबंध में आज दुर्ग विधायक ...

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दुर्ग,असल बात


दुर्ग। दुर्ग नगर निगम सहित प्रदेश के विभिन्न निगमो में व्यावसायिक परिसरों के आबंटन नहीं किए जाने के संबंध में आज दुर्ग विधायक गजेन्द्र यादव ने विधानसभा सदन में मामला को उठाया। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने उनकी बातों को गंभीरता से सुने और सभी जिले के कलेक्टर को आदेशित कर नीलाम / आवंटन नहीं होने वाले व्यावसायिक परिसरों के नियम में संशोधित कर पुनः नीलाम प्रक्रिया कराने आवश्वासन दिए।

         विधानसभा सत्र के छठवे दिन ध्यानाकर्षण में विधायक गजेन्द्र यादव ने सदन में नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री को बताया की दुर्ग नगर पालिक निगम अंतर्गत बहुत से व्यावसायिक परिसरों का निर्माण किया गया है, जिसका अब तक आबंटित नहीं हुआ है और न ही विक्रय किए जाने की कार्यवाही की गई है। पूर्व में निर्मित सभी व्यावसायिक परिसरों की स्थिति बहुत खराब होने लगी है। कुछ व्यावसायिक परिसरों की भवन तो इतनी जर्जर हो गई है कि उसको ध्वस्त किए जाने की स्थिति निर्मित है न ही उसको संधारण व रखरखाव पर ध्यान दिया जा रहा है। उसी प्रकार नवीन निर्मित व्यावसायिक परिसरों की स्थिति बिना उपयोग किए जर्जर होते जा रही है। इसके ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा है आम जनता एवं व्यापारीगणों द्वारा निरंतर इन व्यायसायिक परिसरों को आबंटित किए जाने का मांग किया गया है परंतु निगम के अधिकारियों द्वारा उसे आबंटित किए जाने हेतु वर्तमान स्थिति तक कोई समुचित कार्यवाही नहीं किया गया है। इन सभी व्यावसायिक परिसरों को निर्माण कर ऐसे ही छोड़ दिया गया है। किसी प्रकार उपयोग में नहीं लिया जा रहा है जिससे राज्य शासन की करोड़ों रूपये की राशि का दुरूप्रयोग हो रहा है। इससे आम जनता एवं व्यापारीगणों में बहुत ही रोष एवं आक्रोश व्याप्त है।

     दुर्ग नगर निगम क्षेत्र के जलगृह परिसर और गंजपारा के नाम लगभग 20 करोड़ की लागत से 2 बड़े व्यवसायिक काम्प्लेक्स बने थे। उस समय गाइडलाइन अनुसार जमीन व बाजार भाव अनुसार दर तय कर 11 बार ऑक्शन किया गया लेकिन आज तक दुकान नीलाम नहीं हो पाई। निगम के राजस्व बढ़ाने की मंशा से सरकार ने बड़े व्यवसायिक काम्प्लेक्स निर्माण किये थे उस समय जो ऑफसेट मूल्य तय किया गया था उसमे कुछ प्रतिशत कमी करने उपमुख्यमंत्री अरुण साव से निवेदन किये ताकी इतनी बड़ी राशि से बने बड़े भवन उपयोगी हो और जनता को उसका लाभ मिल सके। ध्यानाकर्षण में मेरे द्वारा रखी गई बात को उपमुख्यमंत्री जी ने सुना और सभी जिले के कलेक्टर को निगम अंतर्गत बने व्यवसायिक काम्प्लेक्स जिसका नीलामी नहीं की गई है उसमे संशोधित कर पुनः नीलामी करे जिससे निगम के राजस्व में बढ़ोत्तरी हो सके।

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