कवर्धा,असल बात कवर्धा, कवर्धा के पीजी कॉलेज इंडोर में 20 मार्च को प्रारंभ हुए दिव्यांग सेवा शिविर का आज कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने अवलोकन क...
कवर्धा,असल बात
कवर्धा, कवर्धा के पीजी कॉलेज इंडोर में 20 मार्च को प्रारंभ हुए दिव्यांग सेवा शिविर का आज कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने अवलोकन किया। इस शिविर का आयोजन बीजेएस द्वारा जैन समाज कवर्धा के सहयोग से किया गया है और यह शिविर 23 मार्च तक चलेगा। शिविर में दिव्यांगजनों के लिए कृत्रिम हाथ, पैर, श्रवण यंत्र, बैसाखी, कैलीपर्स, वाकर जैसे सहायक उपकरण निःशुल्क प्रदान किए जा रहे हैं। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने शिविर के अवलोकन के दौरान दिव्यांग सेवा शिविर में आए लाभार्थियों से उनके अनुभव साझा किए।
कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने कहा कि इस प्रकार के शिविर दिव्यांगजनों के जीवन में एक नई उम्मीद और खुशी लेकर आते हैं, जिससे उनकी आत्मनिर्भरता बढ़ती है। कलेक्टर ने कृत्रिम अंग निर्माण प्रक्रिया का भी अवलोकन किया और दिव्यांगजन को मिले नए अंगों के लिए उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कलेक्टर श्री वर्मा ने आयोजकों की इस मानव सेवा के कार्य की सराहना करते हुए उनके द्वारा किए गए पुनीत कार्य को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही सराहनीय प्रयास है, जो दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने के लिए किया जा रहा है। यह शिविर न केवल उपकरणों का वितरण कर रहा है, बल्कि दिव्यांगजनों के आत्मविश्वास को भी बढ़ा रहा है।
दिव्यांग सेवा शिविर के आयोजकों ने बताया कि शिविर में दिव्यांगजनों और उनके सहायक के लिए आवास और भोजन की व्यवस्था भी की गई है। इस आयोजन में भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति की भागीदारी रही है, जो पूरे भारत में दिव्यांगजन के लिए सहायक उपकरण मुहैया कराती है। समिति की 41 शाखाएं देशभर में संचालित हैं, और उनके द्वारा निर्मित उपकरणों का इस्तेमाल 48 देशों में भी किया गया है। इस शिविर के माध्यम से सैकड़ों दिव्यांगजनों को न केवल शारीरिक रूप से सहायता मिल रही है, बल्कि मानसिक रूप से भी उन्हें एक नई उम्मीद और आत्मविश्वास मिल रहा है। इस आयोजन ने समुदाय में संवेदनशीलता और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा दिया है।
दिव्यांग सेवा शिविर के आयोजकों ने बताया कि आने वाले दिनों में इस तरह के आयोजनों का विस्तार किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक दिव्यांगजन इस तरह की मदद से लाभान्वित हो सकें। शिविर के दौरान एक लाभार्थी, जिसे कृत्रिम पैर लगाया गया था, कार्यक्रम में दौड़ कर अपनी खुशी का इज़हार करते हुए बताया कि इस उपकरण के साथ अब वह जीवन में नए अवसरों की ओर बढ़ने को तैयार है। वहीं, एक अन्य लाभार्थी, जिसे कृत्रिम हाथ लगाया गया था, ने खुशी-खुशी बाइक चला कर तीन राउंड लगाए और अपने नए अंग के साथ अपनी आज़ादी का अनुभव किया। वह अपनी खुशी को शब्दों से व्यक्त करते हुए कहा, यह नई शुरुआत है और अब मैं पूरी तरह से आत्मनिर्भर महसूस कर रहा हूँ।
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