Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


हाईकोर्ट ने यूजीसी के नियमों को दरकिनार कर की जा रही प्रोफेसर की भर्ती पर लगा दी रोक

   बिलासपुर.   हाईकोर्ट ने अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी में यूजीसी के नियमों को दरकिनार कर की जा रही प्रोफेसर की भर्ती पर रोक लगा दी है। म...

Also Read

  बिलासपुर. हाईकोर्ट ने अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी में यूजीसी के नियमों को दरकिनार कर की जा रही प्रोफेसर की भर्ती पर रोक लगा दी है। मामले में यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। याचिका में नियुक्ति में यूजीसी नियमों की अनदेखी करते हुए अयोग्य उम्मीदवारों को साक्षात्कार की अनुमति दिए जाने की बात कही गई है।



दरअसल, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय ने प्रोफेसर (कॉमर्स) के पद पर नियुक्ति के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। डा. राजेश कुमार शुक्ला ने भी भर्ती के लिए आवेदन किया। उन्होंने अपने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें बताया गया कि भर्ती प्रक्रिया में यूजीसी रेगुलेशन 2018 का उल्लंघन किया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने योग्यता नहीं रखने वाले उम्मीदवारों के आवेदन का त्रुटिपूर्ण सत्यापन किया है। साथ ही उन्हें साक्षात्कार के लिए योग्य घोषित कर दिया है, जो नियमों के खिलाफ है। याचिका के अनुसार अगर कोई आवेदक निजी महाविद्यालय या विश्वविद्यालय से है तो उसका शैक्षणिक अनुभव तभी मान्य होगा जब उसकी नियुक्ति संवैधानिक चयन समिति के माध्यम से हुई हो, लेकिन यूनिवर्सिटी ने बिना नियम के प्राइवेट कॉलेज के प्रोफेसर को भर्ती प्रक्रिया में शामिल कर लिया है। यह यूजीसी रेग्युलेशन 2018 का उल्लंघन है। इस नियम में कहा गया है कि किसी असिस्टेंट प्रोफेसर या एसोसिएट प्रोफेसर का प्रोफेसर पद के लिए आवेदन तभी मान्य होगा, जब उसका कुल मासिक वेतन 7वें वेतनमान में नियुक्त सहायक प्राध्यापक या सह-प्राध्यापक के वेतन से कम न हो।

वर्तमान में 7वें वेतनमान के अनुसार सहायक प्राध्यापक का कुल वेतन एक लाख 30 हजार रुपए से अधिक होना चाहिए। सत्यापन के लिए यह बेहद ही जरूरी प्रक्रिया है। इसके साथ ही यदि कोई आवेदक निजी महाविद्यालय या विश्वविद्यालय से है तो उसका शैक्षणिक अनुभव तभी मान्य होगा, जब उसकी नियुक्ति संवैधानिक चयन समिति के माध्यम से हुई हो।