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श्रीमती सुकली बाई मेरावी को मिले आवास की सफलता की कहानी, प्रधानमंत्री जनमन योजना बना सम्मान और प्रतिष्ठा का प्रतीक, विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय के लोग आवास योजना से हो रहे लाभान्वित

कवर्धा,असल बात जीवन की बुनियादी आवश्यकताओं में से एक है अपना खुद का घर होना। जहां व्यक्ति अपने परिवार के साथ हंसी खुशी से रह सके।  कई बार दे...

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कवर्धा,असल बात


जीवन की बुनियादी आवश्यकताओं में से एक है अपना खुद का घर होना। जहां व्यक्ति अपने परिवार के साथ हंसी खुशी से रह सके।  कई बार देखने को आता है कि साधनों के अभाव में अपने पक्के घर का सपना बहुत से लोगो के लिए सपना ही बन कर रह जाता है। दुर्गम पहाड़ियों पहुंच विहीन स्थानो एवं जंगलों के बीच में रहने वाले लोगों के लिए अपना खुद का पक्का आवास बनाना आर्थिक रूप से बहुत चुनौती भरा होता है। कबीरधाम ज़िले के इन्हीं जरूरतमंद विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा परिवारों के सपनो को पूरा करने केन्द्र व राज्य सरकार की महत्वकांक्षी प्रधानमंत्री आदिवासी महा न्याय अभियान योजना (पीएम जनमन योजना) के प्रमुख घटको में से एक है प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण जो वनांचल में रहने वालों के लिए वरदान साबित हो रहा है। 

     यह कहानी है ग्राम मोतिमपुर ग्राम पंचायत - पंडरिया विकासखण्ड बोड़ला जिला कबीरधाम निवासी श्रीमति सुकली बाई मेरावी पति नजरू सिंह मेरावी की है, जो विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय से है। श्रीमती सुकली बाई अपने परिवार के साथ कभी कच्चे मकान में निवास करती थी। सपना था कि अपना खुद का पक्का मकान हो,लेकिन यह सपना सिर्फ एक सपना ही बन कर रहा जाता था क्योंकि इतनी आवक नहीं थी की रोज की घरेलू ज़रूरतें को पूरी करने के बाद कुछ पैसा बचाकर पक्का मकान बना सके। ऐसे समय मे सुकली बाई के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना बडा सहारा बना।


सुकली बाई बताती है कि पहले मेरा टूटा-फूटा झोपड़ी-नुमा कच्चा आवास था, जो बरसात में चारो तरफ से पानी टपकते रहने के साथ सीलन और दुर्गंध में रहने को मजबूर थे।रात के समय कीड़े मकोड़ों का खतरा बना रहता था। बरसात के दिनों में सांप-बिच्छु डर अलग से रहता था। अपना पक्का मकान नहीं होने के कारण सामाजिक परेशानियां अलग से बनी रहती थी। लेकिन अब प्रधानमंत्री आवास योजना से मेरा परिवार खुशी से झूम उठा है। 

एक नजर सुकली बाई को मिले आवास पर!!


ग्रामसभा द्वारा सुकली बाई के नाम आवास की स्वीकृति प्रदान की गई। सुकली को आवास स्वीकृति के साथ प्रथम किश्त की राशि 40 हजार रुपए उनके बैंक खातें ऑन लाईन डी.बी.टी के माध्यम से अंतरित किया गया। पैसा मिलते ही आवास निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ। जैसे-जैसे आवास बन रहा था वैसे ही सुकली खाते में आवास के प्रगति स्तर के आधार पर आवास निर्माण की द्वितीय किश्त की राशि 60 हजार,तृतीय किश्त की राशि 80 हजार एवं आवास पूर्ण होने के उपरांत अंतिम किश्त की राशि 20 हजार उनके खातें में जारी कर दिया गया, इस तरह से उनका जल्द ही सपनों का पक्का घर बनकर तैयार हो गया। 

सुकली बाई बताती है कि योजना के सहयोग से मेरा स्वयं का पक्का मकान बन गया है। अब जीवन स्तर पहले से और बेहतर हो गया है। रिश्तेदारों और समाज में अब मुझे सम्मान के साथ बुलाया जाता है। रिश्तेदार भी अब घर आने पर रात भर रूकते है बातों-बातों में वे कई दफा आवास की तारीफ भी करते रहते हैं। सुकली बाई को आवास के साथ-साथ मनरेगा में स्वंय का जॉब कार्ड  होने से 95 मानव दिवस का रोजगार मिला।जिसका मजदूरी भुगतान की राशि 23085 रूपये  खाते में प्राप्त हो गया।स्वच्छ भारत अभियान ग्रामीण से शौचालय एवं अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ अभिसरण से प्राप्त हो रहा है। सुकली बाई का पारिवारिक जीवन अब बहुत सरल और सहज हो गया है।पीएम जनमन योजना से मिले आवास ने सुकली बाई के जीवन में अपार खुशियां लाई है।


असल बात,न्यूज