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जिला पंचायत दुर्ग के उपाध्यक्ष पद पर क़ड़ा मुकाबला होने की संभावना, भाजपा समर्थित पवन शर्मा और कांग्रेस समर्थित देवेंद्र चंद्रवंशी ने नामांकन दाखिल किया, काफी रोचक मुकाबला होने की संभावना

दुर्ग . असल बात न्यूज़.     जिला पंचायत दुर्ग के उपाध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. यहां अध्यक्ष पद का चुनाव तो भाजपा समर्थित...

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दुर्ग .

असल बात न्यूज़.   

जिला पंचायत दुर्ग के उपाध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. यहां अध्यक्ष पद का चुनाव तो भाजपा समर्थित उम्मीदवार ने निर्विरोध जीत लिया है लेकिन उपाध्यक्ष पद के चुनाव में क़ड़ा मुकाबला होने की संभावना है. भाजपा और कांग्रेस से दोनों दलों के समर्थित उम्मीदवार यहां नामांकन हासिल करने पहुंच गए हैं.. भाजपा समर्थित पवन शर्मा  और कांग्रेस समर्थित  देवेंद्र चंद्रवंशी ने चुनाव के लिए नामांकन का दाखिल किया है. इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका रहने की संभावना है.

दलीय स्थिति को देखे, तो यहां जिला पंचायत दुर्ग में भाजपा समर्थित 6 सदस्यों ने जीत हासिल की है तो वहीं कांग्रेस के सदस्यों की संख्या भी बहुत कम नहीं है. कांग्रेस समर्थित पांच सदस्य हैं.यहां कुल 12 सदस्य वाले जिला पंचायत में कांग्रेस के भी पांच समर्थित उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है वही एक निर्दलीय सदस्य को जीत मिली है. इस तरह से उपाध्यक्ष पद के लिए मुकाबला होता है, चुनाव होता है तो मुकाबले काफी रोमांचक रहने की संभावना है. कांग्रेस और भाजपा दोनों के समर्थित उम्मीदवारों में नामांकन दाखिल कर दिया है.


जिला पंचायत दुर्ग के अध्यक्ष पद जो कि अनुसूचित जाति महिला वर्ग के लिए सुरक्षित है के चुनाव में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार के नामांकन में नहीं दाखिल करने से कांग्रेस को निश्चित रूप से बड़ा झटका लगा है तो वह इसके उपाध्यक्ष पद के चुनाव में फूंक कर कदम रखना चाहेगी. अभी यहां जो स्थिति देख रही है उसे लग रहा है कि कांग्रेस सुबह मेरे तगड़े झटके से उबरने की कोशिश कर रही है और चुनावी मैदान में उतरने और ताकत रोकने की कोशिश कर रही है. जिला स्तर के कांग्रेस के कई सारे पदाधिकारी यहां दोपहर से पहुंच गए हैं. ऐसी भी खबर आई थी कि कांग्रेस उपाध्यक्ष पद के चुनाव का बहिष्कार करने का मूड बन सकती है, लेकिन इन्हें सबसे आगे बढ़ते हुए उपाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार को मैदान में उतर गया है. हालांकि कांग्रेस कोई बहुत अधिक शक्ति प्रदर्शन कर नहीं रही है और चुपचाप अपना चुनावी गणित बिठाने की कोशिश कर रही है. डगर आसान नहीं है लेकिन वह अपनी कोशिशें की ओर आगे बढ़ रही है.

 यहां जिला पंचायत के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी का की काफी अधिक महत्वपूर्ण भूमिका हो गई है. हमें कल्पना कर सकते हैं कि यदि निर्दलीय प्रत्याशी ने कांग्रेस को समर्थन दिया तो दोनों प्रत्याशियों की बराबर बराबर की स्थिति हो जाएगी. ऐसे में टॉस कर का चुनाव का फैसला किया जा सकता है.

अब भाजपा के दृष्टिकोण से देखें तो भाजपा इस चुनाव में पकड़ बनाने के लिए काफी पहले से मेहनत कर रही है. निश्चित रूप से वायु चुनाव में किसी को कोई चांस नहीं देना चाहेगी.
इस समय उपाध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नाम वापस लेने का समय पूरा हो गया है और किसी भी उम्मीदवार में नाम वापस नहीं लिया है. ऐसे में कांग्रेस और भाजपा समर्थित उम्मीदवार चुनाव मैदान में है और उनके बीच सुविधा मुकाबला हो रहा है. कुछ ही देर के बाद इसके लिए मतदान कराया जाएगा.

अब मतदान की प्रक्रिया शुरू हो गई है और सभी सदस्य मतदान करने के लिए पहुंच गए हैं.. लगभग सभी सदस्य पहुंच गए हैं कुछ सदस्य कार से यहां पहुंचे हैं एक साथ तो कुछ लोग अलग-अलग आए हैं.