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मोदी झूठ बोल कर गये नक्सलवाद की पोषक तो भाजपा की नीतियां है - कांग्रेस

असल बात न्यूज  मोदी झूठ बोल कर गये नक्सलवाद की पोषक तो भाजपा की नीतियां है - कांग्रेस रमन राज के 15 सालों में नक्सलवाद 3 ब्लॉक से 14 जिलों त...

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असल बात न्यूज 

मोदी झूठ बोल कर गये नक्सलवाद की पोषक तो भाजपा की नीतियां है - कांग्रेस

रमन राज के 15 सालों में नक्सलवाद 3 ब्लॉक से 14 जिलों तक पहुंच गया था

कांग्रेस की भूपेश सरकार के समय नक्सलवादी घटनाओं में 80 प्रतिशत कमी आई थी

रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नक्सलवाद पर दिये गये बयान का कांग्रेस ने कड़ा ऐतराज जताया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नक्सलवाद पर भाषण देने के पहले प्रधानमंत्री को अध्ययन करना चाहिये था छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद भाजपा के रमन सरकार के समय पूरे प्रदेश फैला जब राज्य में 2003 में भाजपा की सरकार बनी तब नक्सलवाद बस्तर के 3 ब्लॉकों तक ही सीमित था। रमन राज के 15 सालों में नक्सलवाद बस्तर के तीन ब्लॉकों से निकलकर 14 जिलों तक पहुंच गया। इन 15 सालों के अंत के 4 साल तक केंद्र में नरेन्द्र मोदी की भी सरकार बन चुकी थी। प्रधानमंत्री इस तथ्य को जान ले राज्य में नक्सलवाद की जिम्मेदार भाजपा की फासीवादी सोच और नीतियां है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को रमन राज की इन दुर्दांत नक्सल हमलों का भी जवाब देना चाहिये, भाजपा राज में 6 अप्रैल 2010 में जिला दंतेवाड़ा के ताड़मेटला में 76 सीआरपीएफ जवान, 24 अप्रैल 2017 में जिला सुकमा के दुर्गापाल 25 सीआरपीएफ जवान शहीद, 25 मई 2013 दरभा के जीरम, जिला बस्तर में महेन्द्र कर्मा, नंदकुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ल सहित 30 लोग शहीद, 29 जून 2010 धोडाई जिला नारायणपुर 27 पुलिस जवान शहीद, 17 मई 2010 दंतेवाड़ा यात्री बस में 36 लोग शहीद (12 विशेष पुलिस अधिकारी सहित), 12 जुलाई 2009 मदनवाडा एसपी चौबे सहित 29 पुलिसकर्मी शहीद, 09 जुलाई 2007 उपलमेटा एर्राबोर 23 पुलिस कर्मी शहीद, 15 मार्च 2007 रानीबोदली बीजापुर 55 जवान शहीद हुये थे। मोदी बताये इन शहादतों की जवाबदार कौन है? भाजपा की सरकारों में कलेक्टर तक सुरक्षित नहीं थे अपहरण का शिकार हुए, एसपी की शहादत हुई थी और तत्कालीन भाजपा की मुख्यमंत्री अपने नक्सल सलाहकार से कहा करते थे वेतन लो और मौज करो, ये इनकी नीति है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस की भूपेश सरकार में प्रदेश में नक्सलवादी गतिविधियों में 80 प्रतिशत की कमी हुई थी। नक्सलियों के बड़े नेताओं की गिरफ्तारी हुई है, एनकाउंटर हुआ है, तब नक्सली छत्तीसगढ़ छोड़कर भाग गये थे। वर्ष 2008 से लेकर 2018 तक के आंकड़ों को यदि देखा जाए तो इस दौरान राज्य में नक्सली हर साल 500 से लेकर 600 हिंसक घटनाओं को अंजाम देते थे, जो भूपेश सरकार के 5 सालों में घटकर औसतन रूप से 250 तक रह गई थी। वर्ष 2023 में मात्र 134 नक्सल घटनाएं हुई हैं, जो कि 2018 से पूर्व घटित घटनाओं से लगभग चार गुना कम थी। राज्य में 2018 से पूर्व नक्सली मुठभेड़ के मामले प्रतिवर्ष 200 के करीब हुआ करते थे, जो भूपेश सरकार में घटकर दहाई के आंकड़े तक सिमट गए हैं। वर्ष 2021 में राज्य में मुठभेड़ के मात्र 81 और वर्ष 2023 में अब तक 41 मामले हुए थे। नक्सलियों के आत्मसमर्पण के मामलों में भी तेजी कांग्रेस सरकार में आई थी। 1589 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। यह आंकड़ा 10 वर्षों में समर्पित कुल नक्सलियों की संख्या के एक तिहाई से अधिक थी। कांग्रेस सरकार के समय बस्तर संभाग के 589 गांवों के पौने छह लाख ग्रामीण नक्सलियों के प्रभाव से पूरी तरह मुक्त हो चुके थे। इनमें सर्वाधिक 121 गांव सुकमा जिले के हैं। दंतेवाड़ा जिले के 118 गांव, बीजापुर जिले के 115 गांव, बस्तर के 63 गांव, कांकेर के 92 गांव, नारायणपुर के 48 गांव और कोंडागांव के 32 गांव नक्सल प्रभाव से मुक्त हुए थे।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नक्सल नियंत्रण पर जो अपनी पीठ थपथपा रहे थे उसके पीछे कांग्रेस की भूपेश सरकार की कार्ययोजना और बनायी गयी नीतियां है। भूपेश सरकार ने विश्वास, विकास, सुरक्षा के मूलमंत्र को लेकर जो कदम उठाया। बस्तर के आम लोगों का विश्वास कांग्रेस की सरकार ने जीता था, दूरस्थ इलाकों में सुरक्षा बलो के कैंप बनाए गए, सड़क, पुलिया बनाए गए, अस्पताल, स्कूल बनाए गए, वनोपजों के वैल्यू एडिशन के रोजगार के अवसर बढ़ाए गए थे तब आज सुरक्षा बलो को सफलता मिल रही है।