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परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में गड़बड़ी, तत्कालीन SDM निर्भय साहू को राज्य सरकार ने किया निलंबित

  रायपुर।  प्रस्तावित रायपुर-विशाखापटनम इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए भारतमाला परियोजना भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में गड़बड़ी पर तत्कालीन एसडीएम एवं...

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 रायपुर। प्रस्तावित रायपुर-विशाखापटनम इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए भारतमाला परियोजना भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में गड़बड़ी पर तत्कालीन एसडीएम एवं वर्तमान में जगदलपुर नगर निगम आयुक्त निर्भय साहू (राप्रसे) को राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी एवं सक्षम प्राधिकारी भू-अर्जन, अभनपुर निर्भय साहू पर आरोप है कि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में भू-अर्जन के रूप में वास्तविक मुआवजा से अधिक मुआवजा राशि का भुगतान कर निजी भूस्वामियों को अवैध रूप से लाभ पहुंचाकर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई है.इसके अलावा निर्भय कुमार साहू (राप्रसे) ने भू-अर्जन की प्रक्रिया में की गई कार्यवाही में अपने अधीनस्थ शासकीय सेवकों के कार्यों का समुचित पर्यवेक्षण नहीं कर अपने कर्तव्य के प्रति सनिष्ठ न रहते हुए अनियमितता एवं लापरवाही बरती गई है.



इस कृत्य को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 3(1) (एक) (दो) एवं 3 (2) (एक) का स्पष्ट उल्लंघन मानते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी (रा.) एवं सक्षम प्राधिकारी भू-अर्जन, अभनपुर एवं वर्तमान आयुक्त जगदलपुर नगर पालिक निगम को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है.लंबन अवधि में निर्भय कुमार साहू का मुख्यालय जगदलपुर आयुक्त कार्यालय निर्धारित किया गया है. इसके अलावा उन्हें निलंबन की अवधि में मूलभूत नियम, 53 के अंतर्गत नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा.

जानिए रायपुर-विशाखापट्टनम एक्सप्रेसवे के बारे में

बता दें कि रायपुर-विशाखापट्टनम एक्सप्रेसवे, भारतमाला परियोजना का हिस्सा है. यह एक 6-लेन एक्सप्रेसवे है, जो छत्तीसगढ़, ओडिशा, और आंध्र प्रदेश से होकर गुज़रेगा. यह एक्सप्रेसवे 464 किलोमीटर लंबा है. 

इस एक्सप्रेसवे के बनने से रायपुर और विशाखापट्टनम के बीच की दूरी कम होगी. इससे आम नागरिकों के साथ-साथ कारोबारियों को भी फ़ायदा होगा. इसके अलावा आयरन ओर, धान-चावल, और दूसरे सामान को जापान, चीन, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में निर्यात किया जा सकेगा.

इस एक्सप्रेसवे के लिए केंद्र सरकार ने 20,000 करोड़ रुपये दिए हैं. इस लागत में निर्माण और ज़मीन अधिग्रहण दोनों शामिल हैं, बाकी लागत छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश राज्य वहन करेंगे.