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यात्रियों की भीड़ बढ़ रही है, रेलवे के कितने टिकट काउंटर खुलने चाहिए.....?

छत्तीसगढ़ . असल बात न्यूज़.            0 विशेष संवाददाता    परीक्षायें निपट गई है,छुट्टियों के दिन शुरू हो गए हैं तो,इन छुट्टियों के दिनों म...

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छत्तीसगढ़ .

असल बात न्यूज़. 

         0 विशेष संवाददाता  

परीक्षायें निपट गई है,छुट्टियों के दिन शुरू हो गए हैं तो,इन छुट्टियों के दिनों में स्वाभाविक रूप से अब लोगों के घूमने-फिरने का दिन भी शुरू हुआ है.ऐसे समय में ट्रेनों में भीड़ बढ़ना भी स्वाभाविक है. स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ बढ़ रही है लेकिन यह जानकारी सामने आ रही है कि इस समय रेलवे के टिकट काउंटर अपेक्षाकृत कम खुल रहे हैं. राजधानी रायपुर में भी सिर्फ एक टिकट काउंटर पर ही लोगों की टिकट बनाई जा रही है. दूसरा काउंटर और खुल रहा है लेकिन उस पर सिर्फ ऑनलाइन लेनदेन करने वालों की टिकट बनाई जा रही है.ऐसे समय में समझा जा सकता है कि एंजॉय तथा शादी-विवाह में कहीं जाने के लिए निकले ट्रेन यात्रियों को टिकट के लिए कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा होगा.

रेल प्रशासन के द्वारा यात्रियों की सुविधा,के लिए नए-नए करने, यह काम करने,वह काम करने.का हमेशा दावा किया जाता है.यह तो सब जानते हैं कि गर्मी के दिनों में यात्रियों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है. टिकट के लिए कई तरह के दलालों के सक्रिय होने की शिकायते भी हमेशा बार-बार आती रही है.ऐसे में यह तो प्रयास होना चाहिए कि रेलवे के टिकट काउंटर पर आम यात्रियों को सरलतापूर्वक सहजता से टिकट मिल सके. गर्मी के दिनों में रेल प्रशासन का यह भी प्रयास होना चाहिए कि वह यात्रियों की सुविधा के लिए अतिरिक्त टिकट काउंटर शुरू करें. उम्मीद तो यही की जाती है लेकिन,लगता है हो रहा है सब कुछ उल्टा.

 करोड़ों की जनसंख्या वाले राजधानी रायपुर के रेलवे के मुख्य स्टेशन को जाकर देख लीजिए. यहां अभी नगद टिकट कटवाने वाले यात्रियों की, सिर्फ एक काउंटर पर ही टिकट बन रही है. मतलब एक टिकट काउंटर ही खुल  रहा है जहां नगद लेनदेन करने वालों की टिकट बन सकती है. वैसे यहां टिकट काउंटर तो कई सारे हैं लेकिन दूसरे टिकट काउंटर पिछले कई महीनो से सिर्फ बंद हालत में जैसे है. दूसरा टिकट काउंटर जरूर चलता है लेकिन उसमें सिर्फ ऑनलाइन लेनदेन करने वालों की ही टिकट बनाई जाती है.रेलवे को हमेशा करोड़ों रुपए का लाभ देने वाले इतने बड़े रेलवे स्टेशन पर सिर्फ एक टिकट काउंटर का ही खुलना,कम आश्चर्य की बात नहीं है. इससे समझ में नहीं आ रहा है कि रेलवे प्रशासन के द्वारा, रेल यात्रियों की सुविधाओं  में विस्तार किया जा रहा है अथवा कटौती की जा रही है.

 रेलवे को पावर हाउस रेलवे स्टेशन से भी भारी लाभ मिलता है. यहां भी टिकट के लिए सुबह से यात्रियों की भारी भीड़ लगती है. यहां भी सिर्फ एक काउंटर पर ही टिकट बनाया जा रहा है. यात्री बताते हैं कि यहां दो टिकट काउंटर थे लेकिन एक टिकट काउंटर को पिछले कई दिनों से बंद कर दिया गया है. ऐसा क्यों किया गया है इस  भारी गर्मी के समय में जबकि यात्रियों की भीड़ बढ़ती जा रही है?यह किसी को समझ में नहीं आ रहा है.

 रेलवे की ही कुछ सूत्र दबी जुबान से बताते हैं कि सब कुछ निजीकरण के चक्कर में किया जा रहा है. कई जगह टिकट काउंटर को बंद करने का ऊपर से आदेश आया है. ऐसे में रेल यात्रियों को कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है शायद यह रेल प्रशासन को अभी नहीं दिख रहा है 

एक बात यह तो जरूर समझी जा सकती है कि रेलवे टिकट काउंटर पर यात्रियों की भीड़ बढ़ेगी,.. टिकट के लिए कई -कई घंटे खड़े रहना पड़ेगा... तो यात्री दूसरी तरफ भागने लगेंगे... कहीं रेल प्रशासन ऐसा ही तो नहीं चाहता है.