असल बात न्यूज एन.डी.आर.एफ का प्रशिक्षण शिविर निगम भिलाई में आयोजित भिलाईनगर। कलेक्टर दुर्ग अभिजीत सिंह के आदेशानुसार नगर पालिक निगम भिलाई क...
असल बात न्यूज
एन.डी.आर.एफ का प्रशिक्षण शिविर निगम भिलाई में आयोजित
भिलाईनगर। कलेक्टर दुर्ग अभिजीत सिंह के आदेशानुसार नगर पालिक निगम भिलाई के सभागार में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। उददेश्य था कि निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अप्रत्याशित रूप से आए आपदा के समय किस प्रकार से प्रारंभिक बचाव किया जाए। कोई भी समस्या बताकर नहीं आती है लेकिन सर्तकता एवं जानकारी रहने से बहुत कुछ कंट्रोल किया जा सकता है। समस्याएं कुछ प्राकृतिक होती है जैसे बाढ़, भूकंप, सुनामी, बिजली चमकना एवं मानव निर्मित समस्या जैसे आगजनी, दुर्घटना, हार्ट टेक, पानी में डूबना, लू लगना इत्यादि ऐसे समय में क्या बचाव किया जाए।
प्रशिक्षण में बताया गया कि अगर किसी को हृदय घात के लक्षण दिखे तो सीपीआर कैसे देना चाहिए उन्हे सर्वप्रथम देखना कि गले के नीचे सांस चल रहा है कि नहीं। यदि नहीं चल रहा तो उसे मुंह से सांस देने की प्रक्रिया, किस प्रकार से इंसान को लेटाकर छाती के नीचे हाथों से 30-30 बार दबाना इस प्रकार कुल 5 बार दबाना चाहिए। जिससे व्यक्ति को होस आने की संभावना बढ़ जाती है, उसके बाद उसे तुरंत डाॅक्टर को बुलाना चाहिए। प्रारंभिक उपचार कर देने से जीवन बचने की संभावना बढ़ जाता है। इसी प्रकार यदि दुर्घटना हो जाए तो कहीं से खून बह रहा है तो उसे साफ कपड़े से डेटाल, साबुन जो भी उपलब्ध हो उससे अंदर से बाहर के तरफ साफ करके कपड़े से दबा देना चाहिए। उससे भी न रूके तो और कपड़ा लगाकर पटटी बांध देना चाहिए। यदि बिजली गिरने की संभावना है तो यह प्रयास करना चाहिए कि पानी, पेड़, विघुत उपकरण, मोबाईल, टीवी इत्यादि से दूर रहना चाहिए। घर सबसे सुरक्षित स्थल है, अपने आप को संकुचित करके बचा लेना चाहिए। पुरा प्रयास हो कि शरीर से जमीन का अर्थिगं न मिले। संयोग से यदि कार में बैठे हो तो उसके अंदर ही रहना चाहिए, बाहर नहीं निकलना चाहिए।
घर में यदि एलपीजी सिलेण्डर में आग लगे तो घबराना नहीं चाहिए। घर में कंबल को गीला करके ढक देना चाहिए। बिजली का उपकरण से सार्ट सर्किट हो तो सर्वप्रथम मेन कनेक्शन से कट आउट निकाल देना चाहिए। भूलकर भी पानी नहीं डालना है और हो सके तो उस पर रेत फेंकर बुझा देना चाहिए। अगर कोई पानी में डूब रहा है तो उसे बचाने के लिए रस्सी, लकड़ी या अन्य उपकरण को उसको पकड़ाकर बचाना चाहिए। सांप, कुत्ते के काटने पर घबराना नहीं चाहिए, लगभग 11 प्रकार के सांपो की प्रजाती होती है उसमें 2 प्रजाती के सांप ही जहरीले होते है, घबराहत से इंसान को ज्यादा नुकसान होता है। झाड़ फूक, बैगा आदि से बचना चाहिए। जहां तक हो सके रोगी को सम्बल प्रदान करना चाहिए। घबराहत से ही जहर फैलता है, जितना जल्दी हो सके उस जगह को बलड सर्कुलेशन को बांध देना चाहिए और डाॅक्टर से संपर्क करना चाहिए।
प्रशिक्षण देने वाले राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के एसआई विकास शर्मा, हेड कांस्टेबल के मधुसुदन, आसदीप त्रिपाठी, दीपक डंगडन, कृष्ण कुमार द्वारा प्रदान किया गया। प्रमुख रूप से निगम आयुक्त, उपायुक्त, मुख्यअभियंता, अधीक्षण अभियंता, जोन आयुक्त, कार्यपालन अभियंता एवं सभी विभाग के अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे। कर्मचारियो से प्रेक्टीकल भी करवाया गया। आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय ने कहा यह शिविर सबके लिए उपयोगी है, समाधान शिविर के दौरान नागरिको के बीच भी यह शिविर करवायेगे।