Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


वक़्फ़ संशोधन विधेयक आदिवासियों की जमीन और अधिकार को सुरक्षा देगा; पवन साय

असल बात न्यूज  वक़्फ़ संशोधन विधेयक आदिवासियों की जमीन और अधिकार को सुरक्षा देगा; पवन साय वक़्फ़ संशोधन विधेयक प्रदेश के 65 प्रतिशत 5वीं क्षेत्र...

Also Read

असल बात न्यूज 

वक़्फ़ संशोधन विधेयक आदिवासियों की जमीन और अधिकार को सुरक्षा देगा; पवन साय

वक़्फ़ संशोधन विधेयक प्रदेश के 65 प्रतिशत 5वीं क्षेत्रों में वक्फ के अनुचित दावों को रोकेगा; विकास मरकाम


रायपुर। एकात्म परिसर रायपुर में भाजपा अजजा मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक पर कार्यशाला एवं बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रदेश भाजपा संगठन महामंत्री पवन साय की मुख्य रूप से उपस्थिति रही। बैठक को संबोधित करते हुए पवन साय ने कहा यह विधेयक आदिवासियों के जमीन और पहचान को सुरक्षा देने के लिए है। सरल सहज आदिवासियों पर कोई भी मनमाना न कर ले इससे सुरक्षा देने के लिए भाजपा संगठन महामंत्री ने विपक्षी दलों द्वारा इस बिल के बारे में भ्रम फैलाने वालों पर भी कटाक्ष किया और अनुसूचति जनजाति मोर्चा के सदस्यों से कहा कि इसके लाभ को अंतिम व्यक्ति तक प्रचारित करें

अजजा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 में आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल किए गए हैं। ये प्रावधान आदिवासी भूमि और अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए तैयार किए गए हैं, जो विशेष रूप से वक्फ बोर्डों द्वारा अनुचित दावों को रोकने में मदद करेगा। यह बिल आदिवासियों की जमीन को सुरक्षित करने और वक्फ बोर्ड की अनियंत्रित शक्तियों को सीमित करने के लिए है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिल का उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है, न कि धार्मिक स्वतंत्रता को कम करना।

विधेयक के मुख्य प्रावधानों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा आदिवासियों के हितों की रक्षा हेतु धारा 3E के तहत, अनुसूचित जनजाति (ST) की जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित करने पर पूर्ण प्रतिबंध। यह आदिवासियों की भूमि को वक्फ बोर्ड के दावों से सुरक्षित रखता है। बिल में प्रावधान है कि संविधान की पांचवीं और छठी अनुसूची के तहत आने वाले आदिवासी क्षेत्रों में कोई संपत्ति वक्फ घोषित नहीं की जा सकती। इससे आदिवासी भूमि पर अवैध कब्जे या दावे रोके जाएंगे। वक्फ के रूप में दावा की गई सरकारी या विवादित संपत्तियों का स्वामित्व जिला कलेक्टर द्वारा सत्यापित किया जाएगा। यह सुनिश्चित करता है कि आदिवासी भूमि को गलत तरीके से वक्फ संपत्ति न बनाया जाए। वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण अब कलेक्टर द्वारा राज्य राजस्व कानूनों के अनुसार किया जाएगा, जो आदिवासी भूमि के दुरुपयोग को रोकने में मदद करेगा। धारा 40 को हटाकर वक्फ बोर्ड की मनमाने ढंग से संपत्ति को वक्फ घोषित करने की शक्ति समाप्त की गई। यह आदिवासियों की निजी या सामुदायिक जमीन को अनुचित दावों से बचाता है। वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसलों के खिलाफ 90 दिनों के भीतर हाई कोर्ट में अपील की जा सकती है। यह आदिवासियों को गलत फैसलों के खिलाफ कानूनी सहारा देता है। जय ओमकार भीलाला समाज और आदिवासी सेवा मंडल जैसे संगठनों ने इस बिल का समर्थन किया है, क्योंकि यह आदिवासी हितों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

बैठक में भाजपा अजजा मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य  श्रीकांत सोमावार जी, श्रीमती विद्या सिदार जी, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं जिला पंचायत अध्यक्ष जशपुर सालिक साय जी, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ देवेंद्र महला जी, प्रदेश उपाध्यक्षा श्रीमति सुनीति राठिया जी, श्रीमति सुमित्रा मार्कोले जी, प्रदेश महामंत्री सत्यनारायण राठिया जी, प्रदेश महामंत्री एवं जिला पंचायत दंतेवाड़ा के अध्यक्ष नंदलाल मुड़ामी जी समेत प्रदेश भर से पधारे पदाधिकारी मौजूद रहें।