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शपथ ग्रहण समारोह में एक ‘विज्ञापन’ बन गया विवाद का विषय

  रायपुर।  छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जारी किए गए विज्ञापन पर मतभेद उभर कर सामने आ गया है. इस विज्ञापन में सिंध...

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 रायपुर। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जारी किए गए विज्ञापन पर मतभेद उभर कर सामने आ गया है. इस विज्ञापन में सिंधी समाज के संतों की तस्वीर सबसे ऊपर लगाई गई है. अग्रवाल समाज से जुड़े लोगों ने इस बात पर आपत्ति दर्ज की है. अग्रवाल समाज से जुड़े लोगों ने यह सवाल उठाया है कि क्या अग्रवाल समाज, जैन समाज, आदिवासी समाज और सतनामी समाज के संतों के आशीर्वाद की जरूरत चेम्बर को नहीं है? गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स की नई कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण समारोह 20 अप्रैल को शहीद स्मारक भवन में आयोजित किया गया था, जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बतौर मुख्यमंत्री शामिल हुए थे. बता दें कि हाल ही में छत्तीसगढ़ चेम्बर आफ कामर्स की नई कार्यकारिणी का निर्वाचन हुआ है. चुनाव पूर्व कई तरह के समीकरण बनते नजर आए. भारी रस्साकसी के बीच सतीश थौरानी को निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया. वहीं अजय भसीन महामंत्री और निकेश बरड़िया कोषाध्यक्ष चुने गए. पहली बार ऐसा हुआ कि महत्वपूर्ण पदों पर अग्रवाल समाज को कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला. समाज के भीतर इस बात को लेकर नाराजगी भी उभर कर सामने आई थी. 



सोशल मीडिया पर आखिर क्या सवाल उठाया गया है?

शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जारी विज्ञापन में सिंधी समाज के संतों को स्थान देने और अग्रवाल समाज तथा जैन समाज के संतों को दरकिनार करने पर सवाल उठाया गया है. इस सवाल में पूछा गया है कि समाचार पत्रों में छपे इस विज्ञापन को किसके द्वारा छपाया गया है? सिंधी समाज के संतों की तस्वीर लगाई गई यह प्रशंसनीय है, लेकिन अग्रवाल समाज के संतों के आशीर्वाद की क्या चेम्बर को जरूरत नहीं? जैन समाज के संतों का आशीर्वाद क्या चेम्बर को नहीं चाहिए? आदिवासी समाज के संतों की क्या चेम्बर को जरूरत नहीं? सतनामी समाज के संतों का आशीर्वाद क्या चेम्बर को नहीं चाहिए? सोशल मीडिया पर उठाए गए इन सवालों के साथ-साथ यह भी लिखा गया है कि इन तमाम सवालों पर जवाब का इंतजार रहेगा.

जानिए लोगों ने क्या कहा?

सोशल मीडिया पर उपजे इन विवादों के बीच अग्रवाल महासभा की अगुवाई करने वाले विजय अग्रवाल ने कहा कि हालांकि यह व्यक्तिगत विज्ञापन है. चेम्बर का इस विज्ञापन से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन फिर भी जिन लोगों ने इस तरह का विज्ञापन दिया है, उन्हें दोबारा ऐसा नहीं करना चाहिए. चेम्बर सर्वधर्म समभाव के सिद्धांत पर चलता है, लिहाजा दोबारा इस तरह की प्रवृत्ति न हो, इसका ध्यान रखा जाना चाहिए. चेम्बर के महामंत्री ने भी सोशल मीडिया पर उपजे इस विवाद पर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि यह गलत बात है. चेम्बर की तरफ से विज्ञापन नहीं दिया गया है. कोई भी शुभचिंतक अपने हिसाब से विज्ञापन देते हैं. किसी धर्म या पंथ से जुड़े लोग या किसी एसोसिएशन से जुड़े लोग अपने अनुसार विज्ञापन देते हैं. कोई भी किसी के लिए अपनी ओर से शुभकामनाएं प्रेषित कर सकता है. चेम्बर की तरफ से यदि विज्ञापन दिया गया होता तो यह मुद्दा उठाया जा सकता था.