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शा. वि. या. ता. स्व. स्नात्. विज्ञान महाविद्यालय (दुर्ग) के प्राणीशास्त्र विभाग के स्नातकोत्तर छात्रों का पंचमढ़ी में पांच दिवसीय शैक्षिक भ्रमण

  दुर्ग. असल बात news.   महाविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग के स्नातकोत्तर छात्रों ने  मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध हिल स्टेशन पंचमढ़ी का पांच दि...

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 दुर्ग.

असल बात news.  

महाविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग के स्नातकोत्तर छात्रों ने  मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध हिल स्टेशन पंचमढ़ी का पांच दिवसीय शैक्षिक भ्रमण किया। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य जैव विविधता, पारिस्थितिकी तंत्र और वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना था।

यात्रा के पहले दिन छात्रों ने पंचमढ़ी के प्रसिद्ध स्थल — हांडीखोह, प्रियदर्शिनी इको पॉइंट, गुप्त महादेव मन्दिर एवं राजेंद्रगिरी का दौरा किया। यहां उन्होंने जंगली मधुमक्खीयों के छत्तों तथा आसपास के पारिस्थितिक तंत्र का अध्ययन किया। 

दूसरे दिन छात्रों ने पांडव गुफ़ाओ, बी-फाल, रीछगढ़ एवं धूपगढ़ का भ्रमण किया यहाँ उन्होंने झरने एवं पानी के सोते में पाई जाने वाली मछलियों की जानकारियां ली। इसके अलावा, छात्रों ने धूपगढ़ और रीछगढ़ का भ्रमण कर वहां की जैव विविधता और भू-आकृतिक संरचनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। स्थानीय गाइडों ने छात्रों को पारिस्थितिक संतुलन और संरक्षण उपायों पर विस्तृत जानकारी दी।

तीसरे दिन छात्रों ने जटाशंकर मन्दिर में स्थानीय औषधीय पौधों, उनके औषधीय गुणों और पारिस्थितिक महत्व का अध्ययन किया। विद्यार्थियों ने

रेशम उत्पादन विभाग, मध्य प्रदेश सरकार के अंतर्गत स्थापित मध्य प्रदेश शासकीय रेशम बीज उत्पादन केंद्र का दौरा भी किया। यह मध्य प्रदेश राज्य की एकमात्र रेशम इकाई है जहाँ टसर, मुगा, एरी और शहतूत रेशम रेशम के कीडों का प्रजनन होता है। अंडों के उत्पाद के बाद उन्हें देश के अलग अलग भागों में बेचा जाता है।यह इकाई रेशम उत्पादन

के लिए मध्य प्रदेश में होशंगाबाद और अन्य बुनाई इकाइयों को कच्चा माल भी उपलब्ध कराती है। यहाँ मध्य प्रदेश सिल्क फेडरेशन द्वारा संचालित "प्राकृत" नाम का एक खुदरा स्टोर भी है, जो टसर, मुगा, एरी और शहतूत रेशम की बुनाई के उत्पाद बेचता है। 

इस शैक्षिक यात्रा ने छात्रों को पुस्तकीय ज्ञान के साथ-साथ वास्तविक अनुभव प्रदान किया, जिससे वे जीवविज्ञान और पर्यावरण संरक्षण की अवधारणाओं को बेहतर तरीके से समझ सके।

इस सफल भ्रमण के आयोजन में महाविद्यालय के माननीय प्राचार्य डॉ. अजय सिंह,  जूलॉजी विभाग की सम्माननीय विभागाध्यक्ष डॉ. उषा साहू तथा समस्त प्राध्यापकगणों का विशेष योगदान रहा। छात्रों ने इस यात्रा को अपने शैक्षणिक विकास के लिए अत्यंत लाभकारी बताया।